भारत-जापान एक स्वतंत्र एवं खुले हिंद-प्रशांत (FOIP) के सहयोग हेतु एक साथ
हाल ही में भारत और जापान ने एक स्वतंत्र एवं खुले हिंद-प्रशांत (Free and Open Indo-Pacific: FOIP) के लिए सहयोग करने का संकल्प लिया है।
वर्ष 2016 में जापान के प्रधान मंत्री शिंजोआबे ने औपचारिक रूप से राष्ट्रों और क्षेत्रीय संगठनों के नेटवर्क के रूप में FOIP रणनीति की शुरुआत की थी। ये राष्ट्र और क्षेत्रीय संगठन स्वतंत्रता, विधि के शासन तथा बाजार अर्थशास्त्र जो बल या दबाव से मुक्त हैं, को महत्व प्रदान करते हैं। साथ ही, शांति एवं समृद्धि के आधार के रूप में कार्य करते हैं।
FOIP “दो महाद्वीपों”, एशिया (जो तीव्रता से वृद्धि कर रहा है) और अफ्रीका (जिसमें विकास की विशाल क्षमता है) को संयुक्त करता है। साथ ही, ‘दो महासागरों”, स्वतंत्र एवं खुला प्रशांत महासागर तथा हिंद महासागर को भी जोड़ता है।
FOIP की रणनीति तीन स्तंभों पर आधारित है:
- विधि के शासन को बढावा देना और उसकी स्थापना करना तथा नौवहन की स्वतंत्रता एव मुक्त व्यापार आदि।
- जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (Association of Asian Nations: ASEAN/ आसियान) आदि के मध्य सहयोग स्थापित करना।
- अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में और मीडिया आदि के माध्यम से रणनीतिक संचार सुनिश्चित करना।
आर्थिक समृद्धि को लक्षित करना
बंदरगाहों और रेलवे जैसी अवसंरचनाओं के विकास के माध्यम से कनेक्टिविटी में सुधार करना। आर्थिक साझेदारी को सुदृढ़ करना (निवेश संधियों सहित) और व्यवसायी परिवेश में सुधार करना।
शांति और स्थिरता सुनिश्चित करना
- हिंद-प्रशांत के तटीय देशों को क्षमता निर्माण में सहायता प्रदान करना।
- मानवीय सहायता और आपदा राहत, जलदस्युता-रोधी, आतंकवाद-रोधी आदि क्षेत्रों में सहयोग करना।
- दोनों राष्ट्र जापान और भारत की विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक साझेदारी को एक नए स्तर तक बढ़ाने पर भी सहमत हुए हैं।
स्रोत –द हिन्दू