अपशिष्ट मुक्त शहर (GFCs) हेतु राष्ट्रीय क्षमता निर्माण प्रारूप का शुभारंभ
हाल ही में अपशिष्ट मुक्त शहर (Garbage Free Cities: GFCs) के लिए राष्ट्रीय क्षमता निर्माण प्रारूप का शुभारंभ किया गया है ।
- इसे आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के अधीन स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 0 (SBM-U2.0) के तहत आरंभ किया गया है । इससे SBM-U2.0 के तहत राज्यों तथा शहरी निकायों की क्षमता के निर्माण, कौशल विकास तथा ज्ञान प्रबंधन पहलों के सिलसिले में ब्लूप्रिंट तैयार करने में मदद मिलेगी।
यह उपर्युक्त उद्देश्य की प्राप्ति के लिए निम्नलिखित तीन स्तंभों पर आधारित दृष्टिकोण पर बल देता है:
क्षमता को मजबूत करना (Capacity Strengthening):
इसके तहत राज्य और नगर पालिका संवर्गों (Municipal Cadres) की क्षमता को मजबूत किया जाएगा। यह कार्य मानव संसाधन का आकलन और प्रशिक्षण, वेबिनार, समकक्षों से सीखने (पीयर लर्निंग) और ई-लर्निंग के माध्यम से किया जाएगा।
क्षमता का विकास करना (Capacity Augmentation):
इस कार्य को कार्यक्रम प्रबंधन इकाइयों और नगर प्रबंधकों के रूप में विशेषज्ञता प्राप्त मानव संसाधन के माध्यम से किया जाएगा।
पारितंत्र को मजबूत करना (Ecosystem Strengthening):
इस कार्य को मौजूदा जन स्वास्थ्य और पर्यावरण संबंधी इंजीनियरिंग संगठनों को मजबूत करके किया जाएगा। इसमें स्वच्छता ज्ञान साझीदारों इत्यादि को भी शामिल किया जाएगा।
अपशिष्ट मुक्त शहरों (Garbage-Free Cities) के बारे मे:
- स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 0 की शुरुआत वर्ष 2021 में की गयी थी। इसका समग्र उद्देश्य “अपशिष्ट मुक्त शहर (GFCs) सुनिश्चित करना है।
- GFCs के लिए 7 स्टार्स वाला रेटिंग प्रोटोकॉल आरंभ किया गया है। इसके तहत शहरों को एक निश्चित स्टार रेटिंग प्राप्त करने के लिए स्व-आकलन और स्व-सत्यापन करना अनिवार्य होता है।
- इसके तहत रेटिंग के कुल 4 वर्ग (1, 3, 5 और 7 स्टार) हैं।
- ये वर्ग तीन मानदंडों ‘अनिवार्य, आवश्यक और वांछनीय’ पर आधारित हैं। इन मानदंडों में कुल 25 घटकों जैसे हर घर से संग्रह, स्रोत पर अपशिष्ट को अलग करना आदि शामिल हैं।
स्रोत –द हिन्दू