विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम, 2010 FCRA
- हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन अंतर्राष्ट्रीय संगठनों (संयुक्त राष्ट्र निकायों सहित) की एक सूची जारी की है, जिनके अंशदान को FCRA (विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम 2010) के तहत शामिल नहीं किया जाएगा।
- FCRA व्यक्तियों, संघों और कंपनियों द्वारा विदेशी अंशदान की स्वीकृति एवं उपयोग को विनियमित करता है ।
FCRA में किए गए हालिया संशोधनः
- पंजीकरण के लिए आधार संख्या प्रस्तुत करना अनिवार्य कर दिया गया है।
- सभी प्रकार के विदेशी अंशदान केवल भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा (नई दिल्ली) में खोले गए बैंक खाते में प्राप्त किए जाएंगे।
- कुछ व्यक्तियों को किसी भी विदेशी अंशदान को स्वीकार करने से प्रतिबंधित किया गया है।
इसमें निम्नलिखित व्यक्ति शामिल हैं:
- चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार, किसी समाचार-पत्र के संपादक अथवा प्रकाशक, न्यायाधीश, सरकारी कर्मचारी, किसी भी विधायिका के सदस्य और राजनीतिक दल आदि ।
विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम के बारे में
- FCRA को 1976 में आपातकाल के दौरान इस आशंका के माहौल में अधिनियमित किया गया था कि विदेशी शक्तियाँ स्वतंत्र संगठनों के माध्यम से धन भेजकर भारत के आतंरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रही हैं।
- कानून ने व्यक्तियों और संघों को विदेशी दान को विनियमित करने की मांग की ताकि वे “एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य के मूल्यों के अनुरूप” कार्य कर सकें।
उद्देश्य:
- विदेशी दान प्राप्त करने के इच्छुक प्रत्येक व्यक्ति या एनजीओ को अधिनियम के तहत पंजीकृत होने, विदेशी धन की प्राप्ति के लिये एक बैंक खाता खोलने और उन निधियों का उपयोग केवल उसी उद्देश्य के लिये करने की आवश्यकता है जिसके लिये उन्हें प्राप्त किया गया है, जैसा कि अधिनियम में निर्धारित है।
- यह अधिनियम चुनावों के लिये उम्मीदवारों, पत्रकारों या समाचार पत्रों और मीडिया प्रसारण कंपनियों, न्यायाधीशों तथा सरकारी कर्मचारियों, विधायिका के सदस्यों एवं राजनीतिक दलों या उनके पदाधिकारियों व राजनीतिक प्रकृति के संगठनों द्वारा विदेशी धन प्राप्त करने पर रोक लगाता है।
संशोधन:
- इसे वर्ष 2010 में विदेशी धन के उपयोग पर “कानून को मज़बूत करने” और “राष्ट्रीय हित के लिये हानिकारक किसी भी गतिविधि” हेतु उनके उपयोग को “प्रतिबंधित” करने के लिये संशोधित किया गया था।
- वर्तमान सरकार द्वारा वर्ष 2020 में कानून में पुनः संशोधन किया गया, जिससे सरकार को गैर- सरकारी संगठनों द्वारा विदेशी धन की प्राप्ति और उपयोग पर सख्त नियंत्रण एवं जाँच करने की शक्ति प्राप्त हुई।
स्रोत – द हिन्दू