मत्स्य पालन क्षेत्र ने वर्ष 2024-25 के लिए 1 लाख करोड़ निर्यात का लक्ष्य रखा
हाल ही में केंद्र ने वर्ष 2024-25 तक मत्स्य पालन क्षेत्र से 1 लाख करोड़ रुपये के निर्यात का लक्ष्य निर्धारित किया है।
सरकार ने विश्व मात्स्यिकी दिवस (World Fisheries Day) (21 नवंबर) के अवसर पर वर्ष 2024-25 तक मत्स्य निर्यात के मूल्य को एक लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाने एवं विभिन्न फिशिंग हार्बर को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप अपग्रेड करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
आर्थिक सर्वेक्षण, वर्ष 2018-19 के अनुसार मत्स्य पालन तेजी से विकसित होने वाला एक क्षेत्र है। यह 14.5 मिलियन से अधिक लोगों को आय एवं रोजगार प्रदान करने के अतिरिक्त पोषण और खाद्य सुरक्षा प्रदान करता है।
मत्स्य पालन क्षेत्रों के समक्ष मौजूद मुद्देः
उष्णकटिबंधीय मछलियों में वसा की मात्रा अधिक होती है, जिसकी लोगों में सेवन करने की बहुत कम इच्छा होती है। इसके अतिरिक्त, देश में खराब बुनियादी ढांचा, गुणवत्तापूर्ण मत्स्य बीजों तक अपर्याप्त पहुंच और जलीय प्रदूषण जैसी अनेक समस्याएं विद्यमान है।
मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए किए गए सरकारी उपाय
- वर्ष 2019 में मत्स्य पालन के लिए पृथक विभाग का निर्माण किया गया था। मत्स्य उत्पादन और उत्पादकता, गुणवत्ता, प्रौद्योगिकी, उत्पादन के बाद के बुनियादी ढांचे और प्रबंधन आदि में महत्वपूर्ण अंतराल को दूर करने के लिए प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) का संचालन किया जा रहा है। यह योजना वित्त वर्ष 2020-21 से वित्त वर्ष 2024-25 तक लागू रहेगी।
- किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) का विस्तार करते हुए मछुआरों को भी इसका लाभ प्रदान किया जाएगा।मत्स्य पालन और जलीय कृषि अवसंरचना विकास कोष (FIDE) स्थापित किया गया है।
- अंतर्देशीय मत्स्य पालन और जलीय कृषि के विकास पर केंद्र प्रायोजित योजना आरंभ की गई है। समुद्री मात्स्यिकी पर राष्ट्रीय नीति 2017 का निर्माण किया गया है।
स्रोत –पीआईबी