भारत का पहला चीता अभयारण्य
हाल ही में निर्मित मध्य प्रदेश में ‘कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान’ देश का पहला ‘चीता अभयारण्य’ होगा। यद्यपि, चीतों को भारत लाने की योजना पर एक दशक से भी अधिक समय से कार्य चल रहा था,हाल ही में जनवरी 2020 में सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद यह परिकल्पना साकार हो गयी है।
चीता का वैज्ञानिक नाम ‘एसिनोनीक्स जुबेटस’ (Acinonyx jubatus), बड़ी बिल्ली प्रजातियों की सबसे पुरानी प्रजातियों में से एक है। इसके पूर्वजों के चिह्न पांच मिलियन से अधिक वर्षों पूर्व ‘मियोसीन युग’ में भी खोजे जा सकते हैं।
चीता, दुनिया का सबसे तेज गति से दौड़ने वाला स्थल स्तनपायी भी है।
इसे IUCN की रेड लिस्टेड प्रजातियों में ‘असुरक्षित’ (Vulnerable) के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
विदित हो कि देश में आखिरी चित्तीदार बिल्ली की मृत्यु 1947 में छत्तीसगढ़ में हुई थी। इसके बाद चीता को 1952 में भारत में विलुप्त घोषित कर दिया गया था।
एशियाई चीता को IUCN रेड लिस्ट द्वारा घोर-संकटग्रस्त (Critically Endangered) प्रजाति के रूप में वर्गीकृत किया गया है। अब ऐसा अनुमान किया जाता है कि यह केवल ईरान में ही बचे हैं।
स्रोत –द हिन्दू