आयुर्विज्ञान आयोग द्वारा निजी चिकित्सा संस्थानों में फीस निर्धारण के दिशा–निर्देश
हाल ही में राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग ने निजी चिकित्सा संस्थानों में फीस निर्धारण के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं ।
इन दिशा-निर्देशों के अनुसार निजी चिकित्सा संस्थानों और डीम्ड विश्वविद्यालयों में 50 प्रतिशत सीटों की फीस संबंधित राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों की फीस के बराबर होगी।
- इस शुल्क संरचना का लाभ पहले उन उम्मीदवारों को मिलेगा, जिन्होंने सरकारी कोटे की सीटों का लाभ उठाया है। ये सीटें निजी मेडिकल कॉलेज या डीम्ड विश्वविद्यालयों की स्वीकृत सीटों के 50 प्रतिशत तक सीमित होंगी।
- हालांकि, यदि सरकारी कोटे की सीटें कुल स्वीकृत सीटों के 50 प्रतिशत से कम हैं, तो यह लाभ शेष उम्मीदवारों को उनकी योग्यता के आधार पर दे दिया जायेगा।
- निजी चिकित्सा संस्थानों और डीम्ड विश्वविद्यालयों की फीस बहुत अधिक होती है। इसलिए, इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य वित्तीय बाधाओं से पीड़ित मेधावी और योग्य छात्रों को लाभान्वित करना है।
- राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग की स्थापना NMC अधिनियम, 2019 द्वारा की गई है। इसने भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम, 1956 का स्थान लिया है।
- राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग का उद्देश्य चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा पेशे और चिकित्सा संस्थानों से संबंधित सभी पहलुओं का विकास एवं विनियमन तथा उनमें सुधार करना है।
स्रोत –द हिन्दू