यूक्रेन पर रुसी हमले की आशंका
हाल ही में ऐसा अंदेशा लगाया जा रहा है कि यूक्रेन पर रूस द्वारा हमले की तैयारी कर रहा है।
संयुक्त राज्य अमेरिका, उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) तथा यूक्रेनी अधिकारियों ने यूक्रेन के निकट असामान्य रूसी सेना की गतिविधियों की सूचना दी है। इससे रूसहमले के बारे में चिंताएं बढ़ रही हैं।
वर्तमान में, यूक्रेननाटो के छह उन्नत अवसर भागीदारों (ऑस्ट्रेलिया, फिनलैंड, जॉर्जिया, जॉर्डन और स्वीडन के साथ) में से एक है।
रूस नाटो में यूक्रेन के प्रवेश को अपने लिए एक खतरे के रूप में देखता है।
पृष्ठभूमि –
- रूस-यूक्रेन संकट वर्ष 2014 में शुरू हुआ था।
- रूस द्वारा यूक्रेन के क्रीमिया क्षेत्र पर अधिकार करने के बाद, नवंबर 2014 से दो पृथकतावादी (breakaway) क्षेत्रों में यूक्रेन की सेना और रूस समर्थक अलगाववादियों के बीच एक उग्र संघर्ष जारी है।
- वर्ष 2015 में, फ्रांस और जर्मनी की मध्यस्थता के तहत मिन्स्क शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद एक खुला संभावित संघर्ष टल गया था।
- इस समझौते को विद्रोही क्षेत्रों में संघर्ष को समाप्त करने और सीमा को यूक्रेन के राष्ट्रीय सैनिकों को सौंपने के लिए डिज़ाइन किया गया था।
- यूक्रेन द्वारा इन पृथकतावादी क्षेत्रों को अधिक शक्ति सौंपना, संवैधानिक सुधार प्रस्तुत करना और उनकी विशेष स्थिति को संहिताबद्ध किया जाना था।
- इससे पहले, भारत ने संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन द्वारा प्रायोजित एक प्रस्ताव के विरुद्ध मतदान किया था। इस प्रस्ताव में क्रीमिया में कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन की निंदा की गई थी। इस प्रकार भारत ने अपने पुराने सहयोगी रूस का समर्थन किया था।
स्रोत –द हिन्दू