फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) से रूस की सदस्यता निलंबित

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) से रूस की सदस्यता निलंबित

हाल ही में ग्लोबल एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग वॉचडॉग फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने यूक्रेन पर कथित आक्रमण की एक साल की सालगिरह पर रूस की सदस्यता को निलंबित कर दिया है।

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने कहा है कि रूसी संघ की कार्रवाइयां वैश्विक वित्तीय प्रणाली की सुरक्षा, संरक्षा और अखंडता को बढ़ावा देने जैसे FATF के मूल सिद्धांतों के अनुरूप नहीं हैं।

हालांकि पेरिस स्थित FATF ने कहा कि रूस अभी भी FATF मानकों को लागू करने के अपने दायित्व के लिए जवाबदेह बना हुआ है।

ग्रे सूची में दक्षिण अफ्रीका और नाइजीरिया को शामिल

  • FATF ने मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए मानकों को लागू करने के लिए विशेष जांच वाले देशों की “ग्रे सूची” में दक्षिण अफ्रीका और नाइजीरिया को शामिल करने की भी घोषणा की।
  • ग्रे सूची में शामिल करने का मतलब है कि इन देशों के वित्तीय संस्थानों के ग्राहकों पर अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग और वित्तीय संस्थानों की गहन निगरानी होगी।
  • यही नहीं, इस सूची में शामिल देशों को बहुपक्षीय संगठनों और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से ऋण लेने या उधार लेने में मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।
  • FATF सूची में किसी देश की ग्रे लिस्टिंग किसी देश की अर्थव्यवस्था के लिए विनाश का कारण बन सकती है क्योंकि यह निवेश को हतोत्साहित करता है ।

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF)

  • FATF वैश्विक मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण निगरानीकर्त्ता है जिसकी स्थापना वर्ष 1989 में G-7 देशों की पेरिस में आयोजित बैठक में की गई थी।
  • FATF का उद्देश्य मनी लॉड्रिंग, आतंकवादी वित्तपोषण जैसे खतरों से निपटना और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की अखंडता के लिये अन्य कानूनी, विनियामक और परिचालन उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन को बढ़ावा देना है।
  • इसका सचिवालय पेरिस स्थित आर्थिक सहयोग विकास संगठन (OECD) के मुख्यालय में स्थित है।
  • वर्तमान में FATF में भारत समेत 39 सदस्य देश और 2 क्षेत्रीय संगठन (यूरोपीय आयोग और खाड़ी सहयोग परिषद) शामिल हैं। भारत वर्ष 2010 से FATF का सदस्य है।

FATF की सूचियाँ:

  • ग्रे लिस्ट: जिन देशों को टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग का समर्थन करने के लिये सुरक्षित स्थल माना जाता है, उन्हें FATF की ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया है। इस सूची में शामिल किया जाना संबंधित देश के लिये एक चेतावनी के रूप में कार्य करता है कि उसे ब्लैक लिस्ट में शामिल किया सकता है।
  • ब्लैक लिस्ट: असहयोगी देशों या क्षेत्रों (Non-Cooperative Countries or Territories- NCCTs) के रूप में पहचाने गए देशों को ब्लैक लिस्ट में शामिल किया जाता है। ये देश आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों का समर्थन करते हैं। इस सूची में देशों को शामिल करने अथवा हटाने के लिये FATF इसे नियमित रूप से संशोधित करती है।

स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस

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