वस्तु एवं सेवा कर (GST) प्रतिपूर्ति उपकर की समयसीमा में वृद्धि
हाल ही में वस्तु एवं सेवा कर (GST) प्रतिपूर्ति उपकर की समयसीमा मार्च 2026 तक बढ़ाई गई है।
वस्तु एवं सेवा कर (उपकर की अवधि और संग्रह की अवधि) नियम, 2022 के अनुसार, प्रतिपूर्ति उपकर 1 जुलाई, 2022 से 31 मार्च, 2026 तक लगाया जाता रहेगा।
- उपकर का लगाया जाना 30 जून, 2022 को समाप्त होना था। लेकिन केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली जी.एस.टी. परिषद ने इसे विस्तारित करने का निर्णय लिया था। अवधि में यह विस्तार राज्यों को जी.एस.टी. के कारण राजस्व में हुई हानि की भरपाई के लिए पहले लिए गए ऋणों को चुकाने के लिए किया गया था।
- हालांकि, बढी हई अवधि तक राज्यों को प्रतिपूर्ति दी जायेगी या नहीं, यह अभी तय नहीं किया गया
- वस्तु एवं सेवा कर व्यवस्था को वर्ष 2017 में लागू किया गया था। यह वस्तुओं और सेवाओं के उपभोग पर एक गंतव्य आधारित कर है।
- वस्तु एवं सेवा कर (राज्यों को प्रतिपूर्ति) अधिनियम, 2017 के प्रावधानों के अनुसार जी.एस.टी. के कार्यान्वयन के कारण होने वाले राजस्व के किसी भी नुकसान के लिए राज्यों को पांच वर्ष की अवधि हेतु प्रतिपूर्ति का आश्वासन दिया गया था।
- इसका द्विमासिक आधार पर भुगतान किया जाता था। चुनिंदा वस्तुओं या सेवाओं या दोनों की आपूर्ति पर जी.एस.टी. प्रतिपूर्ति उपकर लगाया जाता है।
- इनमें विलासिता, अनावश्यक और नुकसानदेह वस्तुएं शामिल हैं। जैसेः पान मसाला, अलग-अलग तंबाकू उत्पाद आदि नुकसानदेह वस्तुएं हैं ।
- केंद्र सरकार ने 31 मई, 2022 तक राज्यों को बकाया GST प्रतिपूर्ति की पूरी राशि जारी कर दी है। हालांकि, कई राज्य प्रतिपूर्ति को 5 वर्ष से अधिक समय तक बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
स्रोत –द हिन्दू