गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) के FCRA लाइसेंस की वैधता याचिका अस्वीकार

गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) के FCRA लाइसेंस की वैधता याचिका  अस्वीकार

उच्चतम न्यायालय (SC) ने गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) के FCRA लाइसेंस की वैधता बढ़ाने से संबंधित याचिका में अंतरिम राहत देना अस्वीकार कर दिया है।

SC ने 6,000 NGOs के रद्द किए गए विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA) लाइसेंस का विस्तार करना अस्वीकार कर दिया है। इन NGOs ने विदेशी धन प्राप्त करने के लिए निर्धारित मानदंडों का पालन नहीं किया था।

FCRA, गैर-सरकारी संगठनों को केंद्रीय गृह मंत्रालय से लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य बनाता है।यह लाइसेंस उन्हें विदेशी धन प्राप्त करने का अधिकार प्रदान करता है।

FCRA को आपातकाल के दौरान वर्ष 1976 में लागू किया गया था। यह व्यक्तियों और संगठनों को प्राप्त होने वाले विदेशी दान को विनियमित करता है, ताकि वे “एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य के मूल्यों के अनुरूप” कार्य कर सकें।

इसे वर्ष 2010 में संशोधित किया गया था। इस संशोधन का उद्देश्य विदेशी धन के उपयोग पर कानून को मजबूत करना और राष्ट्रीय हित के लिए हानिकारक किसी भी गतिविधि हेतु उस धन के उपयोग को प्रतिबंधित करना था।

वर्ष 2020 में कानून को पुनः संशोधित किया गया था। इससे सरकार को गैर-सरकारी संगठनों द्वारा विदेशीधन की प्राप्ति और उपयोग पर सख्त नियंत्रण एवं जांच का अधिकार प्राप्त हुआ।

हालांकि, उच्चतम न्यायालय को अभी FCRA में संशोधन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर निर्णय देना है। इन याचिकाओं में विदेशी धन के हस्तांतरण पर रोक लगाना, पूर्व अनुमोदन और पंजीकरण के लिए पहचान के रूपमें आधार को आवश्यक बनाना तथा नई दिल्ली की SBI शाखा में ही विशेष रूप से FCRA का प्राथमिक खाता खोलना अनिवार्य करना आदि प्रावधानों को चुनौती दी गई है।

अब क्या परिवर्तन हुए हैं?

  • सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों द्वारा विदेशी योगदान प्राप्तकरने पर रोक।
  • FCRA के तहत प्राप्त धन का अन्य व्यक्तियों या संगठनों को हस्तांतरण करने पर रोक।
  • प्रशासनिक खर्चों में FCRA फंड का अब केवल 20 प्रतिशत ही उपयोग किया जा सकता है। पहले यह 50 प्रतिशत था।
  • संगठनों के सभी पदाधिकारियों, निदेशकों या प्रमुख अधिकारियों के लिए आधार नंबर उपलब्ध करवाना अनिवार्य कर दिया गया है। सरकार के पास अब गैर-सरकारी संगठनों के FCRA पंजीकरण को 180 दिनों से अधिक समय के लिए निलंबित करने की शक्ति है।
  • यदि 5 वर्ष की अवधि के बाद पंजीकरण का नवीनीकरण करवाया जाता है, तो भी नए आवेदक की भांति ही जांचकी जाएगी।
  • FCRA के लिए नामित खाता अनिवार्य रूप से भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की दिल्ली शाखा में ही खुलवाना होगा।
  • गैर-लाभकारी संस्थाओं के लिए FCRA प्रमाणपत्र के स्वैच्छिक समर्पण का विकल्प उपलब्ध होगा।

स्रोत -द हिन्दू

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