EWS कोटे के लिए 8 लाख रुपये की आय सीमा उचित
हाल ही में केंद्र ने उच्चतम न्यायालय को यह स्पष्टीकरण दिया है कि EWS कोटे के लिए 8 लाख रुपये की आय सीमा उचित है।
- केंद्र सरकार ने एक हलफनामे में उच्चतम न्यायालय को सूचित किया है कि उसने एक विशेषज्ञ समिति द्वाराकी गई सिफारिशों को स्वीकार करने का निर्णय किया है।
- यह हलफनामा NEET के लिए ऑल इंडिया कोटे में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS)/ अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण लागू करने के केंद्र के निर्णय को चुनौती देने वाली रिट याचिका के प्रत्युत्तर में दायर किया गया था।
- उच्चतम न्यायालय ने पहले EWS के लिए 8 लाख रुपये के आय संबंधी मानदंड की तर्कसंगतता पर संदेह व्यक्त किया था। इसके उपरांत केंद्र एक विशेषज्ञ समिति गठित करने के बाद इस पर पुनर्विचार करने के लिए सहमत हुआ था।
- मामले के उच्चतम न्यायालय में लंबित होने के कारण केंद्र ने NEET-PG काउंसलिंग प्रक्रिया पर भी रोक लगा दी है।
- EWS आरक्षण को वर्ष 2019 में 103वें संविधान संशोधन के माध्यम से लागू किया गया था। यह संविधान केअनुच्छेद 15 और 16 में खंड 6 समाविष्ट करके नौकरियों एवं शिक्षा में आर्थिक आरक्षण प्रदान करता है।
विशेषज्ञ समिति की प्रमुख सिफारिशें
- वर्तमान सकल वार्षिक पारिवारिक आय सीमा को “रु. 8 लाख” या उससे कम निर्धारित किया जा सकता है।
- EWS आय सीमा के बावजूद, 5 एकड़ (और उससे अधिक) कृषि भूमि का स्वामित्व रखने वाले परिवार के व्यक्ति को इस आरक्षण से वंचित रखा जा सकता है।
- इसके प्रावधानों में से आवासीय संपत्ति मानदंड को हटाया जा सकता है।
स्रोत – द हिन्दू