इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक–ऑफ एंड लैंडिंग (eVTOL) विमानों का संचालन
हाल ही में नागर विमानन मंत्रालय ने निकट भविष्य में भारत में eVTOL विमानों के संचालन की संभावना प्रकट की है।
केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक-ऑफ एंड लैंडिंग (eVTOL) विमानों के निर्माताओं द्वारा भारत में बेस स्थापित करने के लिए उन्हें आमंत्रित करने की संभावना तलाश रही है।
- e-VTOL स्वच्छ, शोर रहित व सस्ते वायु यातायात उपायों का एक नया वर्ग है। यह शहरी यातायात में मौलिक बदलाव की क्षमता रखता है।
- भारत शहरी हवाई यातायात सुनिश्चित करने के लिए वर्ष 2047 तक eVTOL विमानों को उपयोग में लाएगा।
- वर्ष 2021 में eVTOLs का वैश्विक बाजार 5 मिलियन डॉलर का था। इसके वर्ष 2030 तक 30.8 मिलियन डॉलर हो जाने का अनुमान है।
- eVTOL विमान, मंडराने (hover), टेक ऑफ करने और लंबवत रूप से लैंड करने के लिए विद्यत शक्ति का उपयोग करता है। अधिकांश eVTOLS वितरित विद्युत प्रणोदन प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हैं। इसका तात्पर्य है कि इसमें एयरफ्रेम के साथ जटिल प्रणोदन प्रणाली को समेकित किया जाता है। यह तकनीक मोटर, बैटरी, ईंधन सेल और इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रक प्रौद्योगिकियों में विकास के आधार पर विद्युत प्रणोदन के परिणामस्वरूप विकसित हुई है।
- यह शहरी हवाई यातायात सुनिश्चित करने वाली नई वाहन प्रौद्योगिकी की आवश्यकता से प्रेरित है।
eVTOL विमान के उपयोगः अग्निशमन, लोक सुरक्षा, खोज और बचाव, आपदा राहत तथा कानून का प्रवर्तन।
AVTOL प्रमाणन जटिल है। इसके कारणों में शामिल हैं:
- शहरी क्षेत्रों में योजनाबद्ध संचालन,
- नई बैटरी प्रणाली का होना, और
- उच्च स्तर की अत्यधिक स्वचालित (ऑटोमेटेड) पद्धति।
स्रोत –द हिन्दू