यूरोपीय संघ (EU) व्यापार वार्ता
हाल ही में भारत ने यूरोपीय संघ (EU) के साथ व्यापार वार्ता में अत्यधिक आवश्यकता पर बल दिया है ।
भारत और यूरोपीय संघ व्यापार एवं निवेश समझौतों पर वार्ता कर रहे हैं। इस दौरान, भारतीय विदेश मंत्री ने कुछ गैर-व्यापारिक मुद्दों से संबंधित अपनी मांगों पर “सामंजस्यऔर प्राथमिकता” आधारित दृष्टिकोण से विचार करने का आग्रह किया है।
भारत और फ्रांस के विदेश मंत्रियों ने एक वर्चुअल बैठक संपन्न की। इसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र से जुड़े कई मुद्दों पर सहयोग प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसमें कोविड -19 टीके, नीली अर्थव्यवस्था के लिए विनियमन, कनेक्टिविटी परियोजनाएं आदि शामिल हैं।
उन्होंने “इंडो-पैसिफिक कैंपस ऑन हेल्थ स्थापित करने के लिए भारत और यूरोपीय संघ के प्रस्ताव को भी रेखांकित किया। इसका उद्देश्य औषध उत्पादों पर प्रशिक्षण, नवाचार और सहयोग में आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है।
भारत-यूरोपीय संघ द्विपक्षीय व्यापार और निवेश समझौते से संबंधित वार्ता वर्ष 2007 में शुरू हुई थी, किंतु यह वार्ता वर्ष 2013 से बाधित थी। हाल ही में, आठ वर्ष के गतिरोध के बाद वार्ता को फिर से शुरू किया गया है।
भारत-यूरोपीय संघ द्विपक्षीय व्यापार और निवेश समझौते (BTIA) से जुड़ी चिंताएं
भारत की मांग
“डेटा सिक्योर” का दर्जा (भारत के।क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण); कुशल श्रमिकों की अस्थायी आवाजाही पर आसान मानदंड, सेनेटरी और फाइटोसेनेटरी (SPS) तथा व्यापारमें तकनीकी बाधाओं (TBT) संबंधी मानदंडों में छूट आदि ।
यूरोपीय संघ की मांग
ऑटोमोबाइल में महत्वपूर्ण शुल्क कटौती, वाइन, स्पिरिट्स आदि पर कर में कमी, एक मजबूत बौद्धिक संपदा व्यवस्था, भारत के डेटा स्थानीयकरण मानदंडों में छूट, भौगोलिक संकेतक के साथ इसकी सभी वस्तुओं का संरक्षण आदि।
स्रोत -द हिन्दू