इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (EBP) कार्यक्रम

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इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (EBP) कार्यक्रम

हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (EBP) कार्यक्रम के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (OMCs) द्वारा इथेनॉल खरीद प्रक्रिया को मंजूरी दी है।

  • आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने गन्ना आधारित अलग-अलग कच्चे माल से उत्पादित इथेनॉल के लिए अधिक मूल्य को मंजूरी दी है। यह मंजूरी चीनी सीज़न 2022-23 के लिए EBP कार्यक्रम के तहत दी गई है।
  • कच्चे माल में शीरा (मोलेसेस) और गन्ने का रस/चीनी/शुगर सिरप शामिल हैं।
  • इथेनॉल मिश्रण को एक ऐसे मिश्रित मोटर वाहन ईंधन के रूप में परिभाषित किया जाता है, जिसमें इथाइल अल्कोहल हो और जो कम से कम 99% तक शुद्ध हो।
  • साथ ही, यह कृषि उत्पादों से प्राप्त किया गया हो और विशेष रूप से गैसोलीन के साथ मिश्रित हो।
  • गन्ना आधारित कच्चे माल के अलावा मक्का और भारतीय खाद्य निगम के पास उपलब्ध अधिशेष चावल से भी इथेनॉल उत्पादन की अनुमति दी गई है।
  • सरकार EBP कार्यक्रम संचालित कर रही है। इसमें तेल विपणन कंपनियां 10% इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल बेचती हैं।
  • यह कार्यक्रम अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप केंद्र शासित प्रदेशों को छोड़कर पूरे भारत में लागू किया जा रहा है।
  • पेट्रोल में औसतन 10% इथेनॉल के मिश्रण के लक्ष्य को जून 2022 में प्राप्त कर लिया गया था। इसी को देखते हुए पेट्रोल में 20% इथेनॉल मिश्रण के लक्ष्य प्राप्ति की निर्धारित अवधि को वर्ष 2030 की बजाय वर्ष 2025 कर दिया गया है।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील, यूरोपीय संघ और चीन के बाद भारत दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा इथेनॉल उत्पादक देश है।

इथेनॉल मिश्रित ईंधन का महत्व

  • यह कम प्रदूषण फैलाने वाला ईंधन है। यह पेट्रोल की तुलना में कम लागत पर समान दक्षता प्रदान करता है।
  • यह ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करता है, कच्चे तेल के आयात बिल को कम करता है और अर्थव्यवस्था को निम्न कार्बन अर्थव्यवस्था की ओर ले जाता है।
  • यह स्थानीय उद्यमों और किसानों को ऊर्जा से जुड़ी अर्थव्यवस्था में भाग लेने के लिए सक्षम बनाता है।

इथेनॉल मिश्रण में सुधार के लिए किए गए उपाय

  • केंद्रीय बजट 2022-23 में गैर-मिश्रित ईंधन पर अतिरिक्त विभेदक उत्पाद शुल्क की घोषणा की गई है।
  • अनाज आधारित डिस्टिलरीज (आसवनियों) को भी ब्याज छूट योजना का लाभ दिया गया है।
  • पर्यावरणीय मंजूरी की प्रक्रियाओं को आसान बनाया गया है।
  • ऑटोमोटिव ईंधन E12 (88% पेट्रोल के साथ 12 प्रतिशत इथेनॉल) और E15 के उपयोग हेतु निर्देश अधिसूचित किए गए हैं।
  • जैव ईंधन के उत्पादन के लिए अधिक फीडस्टॉक की अनुमति देने हेतु राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति में संशोधन किए गए हैं।

स्रोत – द हिन्दू

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