प्रधान मंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) ने वर्किंग पेपर जारी किया
हाल ही में प्रधान मंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) ने वर्किंग पेपर जारी कर अलग-अलग वैश्विक अवधारणा आधारित सूचकांकों से संबंधित समस्याओं का विश्लेषण किया है।
हाल के वर्षों में, विश्व के अलग-अलग अवधारणा आधारित सूचकांकों में भारत की रैंकिंग और अंकों में गिरावट देखी जा रही है। ये सूचकांक लोकतंत्र, स्वतंत्रता आदि जैसे व्यक्तिपरक मुद्दों से संबंधित हैं।
इन सूचकांकों की रैंकिंग पर विचार करने की आवश्यकता है, क्योंकि –
इन सूचकांकों का विश्व बैंक के वर्ल्ड गवर्नेस इंडीकेटर्स (WGI) में इनपुट के रूप में उपयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त, ये सूचकांक संप्रभु रेटिंग्स में 20 प्रतिशत तक भारांश रखते हैं।
ऐसा करना भविष्य के लिए अधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि पर्यावरण, सामाजिक और गवर्नेस (ESG) संबंधी सूचकांकों को वैश्विक व्यापार / निवेश निर्णयों में प्रस्तुत किया जाता है।
प्रधान मंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) के इस वर्किंग पेपर ने तीन अवधारणा आधारित सूचकांकों का विश्लेषण किया है।
ये सूचकांक हैं- फ्रीडम इन द वर्ल्ड इंडेक्स, VIDEM इंडेक्स और EIU डेमोक्रेसी इंडेक्स ।
इन सूचकांकों के साथ रेखांकित किए गए मुद्दे निम्नलिखित हैं।
ये सूचकांक मुख्य रूप से अज्ञात विशेषज्ञों के एक बहुत ही छोटे समूह की राय पर आधारित हैं।
इनमें जिन प्रश्नों का उपयोग किया जाता है, वे व्यक्तिपरक होते हैं और इस प्रकार लिखे जाते हैं कि उनका निष्पक्ष रूप से उत्तर देना असंभव है ।
ऐसे भी प्रश्न हैं, जिन्हें इन सूचकांकों के लिए पूछा जाना चाहिए, लेकिन उन्हें छोड़ दिया जाता है।
इन सूचकांकों में उपयोग किए गए कुछ प्रश्न सभी देशों में लोकतंत्र का उचित मापन नहीं करते हैं।
1.फ्रीडम इन द वर्ल्ड इंडेक्स: फ्रीडम हाउस (एक गैर-सरकारी संगठन, जिसका मुख्यालय न्यूयॉर्क, संयुक्त राज्य अमेरिका में है)
इसमें भारत की रैंकिंग: आंशिक रूप से स्वतंत्र श्रेणी
2.वैराइटीज़ ऑफ डेमोक्रेसी (V−DEM) सूचकांक: स्वीडन के गोथेनबर्ग विश्वविद्यालय की एक संस्था वैराइटीज़ ऑफ डेमोक्रेसी (V-Dem)
इसमें भारत की रैंकिंग: चुनावी निरंकुशता
3.इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (EIU) डेमोक्रेसी सूचकांक: इकोनॉमिस्ट पत्रिका का प्रकाशन करने वाली एक फर्म की शोध और परामर्श शाखा ‘EIU’ प्रकाशित करती है।
इसमें भारत की रैंकिंग: त्रुटिपूर्ण लोकतंत्र
स्रोत – द हिन्दू