इंडिया डेटा एक्सेसिबिलिटी एंड यूज पॉलिसी 2022 जारी
हाल ही में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Meity) ने प्रारूप “इंडिया डेटा एक्सेसिबिलिटी एंड यूज पॉलिसी 2022” जारी की है ।
यह नीति मौजूदा सरकारी नीतियों “राष्ट्रीय डेटा साझाकरण और अभिगम्यता नीति” (National Data Sharing and Accessibility Policy) तथा “ओपन गवर्नमेंट डेटा प्लेटफॉर्म इंडिया” को अपडेट करेगी।
यह नीति केंद्र सरकार और अधिकृत एजेंसियों द्वारा उत्पन्न, निर्मित, एकत्रित या संग्रहीत सभी डेटा एवं सूचनाओं पर लागू होगी।
उद्देश्यः
इस नीति का उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र के डेटा का उपयोग करने की भारत की क्षमता में व्यापक बदलाव लाना है। इससे सामाजिक परिवर्तन को बड़े पैमाने पर प्रेरित किया जा सकेगा। किसी भी प्रकार के डेटा को भारत के कानूनी ढांचे, उसकी नीतियों, कानून और मान्यता प्राप्त अंतर्राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों के तहत साझा किया जाएगा।
नीति की प्रमुख विशेषताएं
संस्थागत रूपरेखाः इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ‘इंडिया डेटा ऑफिस’ स्थापित करेगा। यह कार्यालय डेटा तक पहुँच और इसे साझा करने के तंत्र को सुव्यवस्थित एवं समेकित करेगा। प्रत्येक मंत्रालय/विभाग में डेटा प्रबंधन इकाइयां स्थापित की जाएँगी।
भारतीय डेटा परिषद गठित की जाएगी।
डेटा तक सभी की पहुंचः प्रत्येक मंत्रालय एवं विभाग द्वारा एकत्रित, सृजित और संग्रहीत सभी डेटा मुक्त एवं साझा करने योग्य होंगे। इसमें कुछ नकारात्मक डेटा सूचियों को शामिल नहीं किया जाएगा। जिन विस्तृत डेटासेट का मूल्यवर्धन किया गया है, सरकार उनका मुद्रीकरण करेगी।
सरकारों के मध्य डेटा साझाकरणः
- प्रत्येक मंत्रालय/विभाग मौजूदा डेटा परिसंपत्तियों की पहचान करेगा। साथ ही, विस्तृत खोज योग्य डेटा सूची बनाएगा।
- प्रत्येक मंत्रालय/विभाग डेटा संग्रहित रखने की अवधि निर्धारित करेगा।
डिजिटल अर्थव्यवस्था में डेटा का महत्व
- यह सार्वजनिक सेवा वितरण में सुधार करता है; दक्षता और नवाचार को बढ़ाता है;
- नीति निर्माण और कार्यक्रम मूल्यांकन में सुधार करता है;
- यह डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देता है आदि।
स्रोत –द हिन्दू