हाल ही में पर्यावरण, वन और जलवायु मंत्रालय ने गुवाहाटी के दक्षिण-पश्चिमी किनारे पर स्थित दीपोर बील वन्यजीव अभ्यारण को पर्यावरणीय संवेदनशील क्षेत्र के रूप में अधिसूचित किया है।
दीपोर बीलः
- दीपोरबील ताजे पाने की झील है जहाँ अतिक्रमण के कारण इसके क्षेत्र में लगातार कमी हो रही है।
- दीपोरबील असम की एक रामसर साइट है जो महत्त्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र के रूप में प्रसिद्ध है।
पारिस्थितिक संवेदनशील क्षेत्रः
- संरक्षित क्षेत्र के चारो ओर 10 किलोमीटर तक का अधिसूचित क्षेत्र पारिस्थितिक संवेदनशील क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत पारिस्थितिक संवेदनशील क्षेत्र घोषित किये जाते है।
- पारिस्थितिक संवेदनशील क्षेत्र घोषित करने का उद्देश्य संरक्षित क्षेत्रों के आस-पास की गतिविधियों को विनियमित करना तथा संभावित जोखिम को कम करना है। पारिस्थितिक संवेदनशील क्षेत्र संरक्षित क्षेत्र में ‘शॉक एब्जार्बर’ का कार्य करता है।
- दीपोर बील में साइबेरियन क्रेन, स्पॉट बिल पेलिकनधेनुक पक्षी, एशियाई हाथी, जंगली बिल्ली, साम्भर आदि प्रजातियाँ पाई जाती है।
स्रोत –द हिन्दू