केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) द्वारा सत्यनिष्ठा संधि (IP) के कार्यान्वयन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया में संशोधन
हाल ही में केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने सत्यनिष्ठा संधि (IP) के कार्यान्वयन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया में संशोधन किया हैं ।
सत्यनिष्ठा संधि (Integrity Pact: IP) संभावित विक्रेताओं/ बोलीदाताओं और खरीददारों के बीच एक समझौते की परिकल्पना करती है।
यह समझौता दोनों पक्षों के व्यक्तियों और अधिकारियों को किए गए ठेके के किसी भी भाग या चरण में किसी भी भ्रष्ट व्यवहार/विकल्प का उपयोग नहीं करने के लिए प्रतिबद्ध करता है।
इसे संगठन द्वारा नियुक्त स्वतंत्र बाहरी निरीक्षकों (Independent External Monitors: IEM) के एकपैनल के माध्यम से कार्यान्वित किया जाता है।
सभी IEMs मुख्य सतर्कता अधिकारियों (CVOs) कोरिपोर्ट करते हैं।
नए नियमों के प्रमुख प्रावधान
- IEMs को केवल प्रख्यात व्यक्तियों/अधिकारियों के पैनल सेचुना जाएगा। ये व्यक्ति/अधिकारी भारत सरकार में अतिरिक्त सचिव या समकक्ष या उच्च वेतनमान पर किसी अन्य पद से सेवानिवृत्त होने चाहिए।
- जून 2021 में जारी मौजूदा नियमों में केवल सेवानिवृत्तिके समय भारत सरकार के सचिव रैंक के अधिकारी, राज्यों के मुख्य सचिव या समकक्ष वेतनमान पर पदस्थ अधिकारियों पर ही विचार किया गया था।
- सशस्त्र बलों से सेवानिवृत्त अधिकारियों में से भी केवल वहीअधिकारी पात्र होंगे, जो भारत सरकार में अतिरिक्त सचिव या उसके समकक्ष या उससे उच्च पदों के होंगे।
- संशोधनों से सरकारी ठेकों की जांच के लिए पर्याप्त संख्या में IEMS उपलब्ध होंगे।
- CVOs शीर्ष सतर्कता निकाय है। यह किसी भी कार्यकारी प्राधिकरण के नियंत्रण से मुक्त है। यह केंद्र सरकार के तहत सभी सतर्कता गतिविधियों की निगरानी करता है।
- साथ ही, यह केंद्र सरकार के संगठनों में विभिन्न अधिकारियों को उनके सतर्कता संबंधी कार्यों की योजना बनाने, उन्हें क्रियान्वित करने, उनकी समीक्षा करने और उनमें सुधार करने से संबंधित सलाह भी प्रदान करता है।
स्रोत -द हिन्दू