कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) नीति संशोधन नियम, 2022
हाल ही में कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय (MCA) ने कंपनी (कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) नीति) संशोधन नियम, 2022 जारी किए हैं ।
इन नियमों ने कंपनी अधिनियम 2013 के कंपनी (CSR नीति) नियम, 2014 में संशोधन किए हैं।
कंपनी अधिनियम के तहत, कुछ शर्तों को पूरी करने वाली कंपनियों को अपने औसत निवल लाभ का 2% CSR गतिविधियों पर व्यय करना होता है।
निम्नलिखित कंपनियों के लिए CSR व्यय अनिवार्य किया गया है:
- जिनका किसी वित्तीय वर्ष के दौरान निवल मूल्य 500 करोड़ रुपये या उससे अधिक हो, या
- जिनका टर्नओवर 1,000 करोड़ रुपये या उससे अधिक हो या,
- जिन्हें लगातार पिछले तीन वित्तीय वर्षों के दौरान 5 करोड़ रुपये या अधिक का शुद्ध लाभ हुआ हो।
कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी:
- अर्थ : कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (CSR) को एक प्रबंधन अवधारणा के रूप में परिभाषित किया जाता है, जिसके तहत कंपनियाँ अपने व्यापारिक भागीदारों के साथ सामाजिक और पर्यावरण संबंधी चिंताओं को उनके हितधारकों के साथ एकीकृत करती हैं।
- CSR परियोजनाओं के द्वारा लक्षित लाभार्थियों तथा उनके आस-पास के पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष परिवर्तनों का मूल्यांकन ‘प्रभाव आकलन अध्ययन’ (Impact Assessment Studies) कहलाता है।
- भारत में CSR की अवधारणा को कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 135 के तहत नियंत्रित किया जाता है।
नए नियमों के मुख्य प्रावधान –
- कंपनियों को खर्च नहीं किए गए CSR खाते की राशि को तीन वित्त वर्षों के भीतर इस्तेमाल करना अनिवार्य है। साथ ही, इसके कार्यान्वयन की निगरानी के लिए CSR समिति का भी गठन करना होगा।
- सामाजिक प्रभाव आकलन (Social Impact Assessment: SIA) के लिए व्यय को CSR खर्च में शामिल किया जा सकता है।
- हालांकि, यह व्यय एक वित्तीय वर्ष में कुल CSR खर्च के 5% या 50 लाख रुपये (जो भी अधिक हो) से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
- पहले, यह कुल CSR व्यय का 5% या 50 लाख रुपये (जो भी कम हो) था।
- 10 करोड़ रुपये या अधिक CSR बजट वाले व्यवसायों और 1 करोड़ रुपये या उससे अधिक के परिव्यय वाली सभी परियोजनाओं के लिए SIA अनिवार्य है।
- CSR गतिविधियों पर नई वार्षिक रिपोर्ट को बोर्ड की रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा।
- कंपनियों को अपनी वेबसाइट पर CSR समिति की संरचना और CSR नीति का उल्लेख करना आवश्यक है।
स्रोत –द हिन्दू