कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) व्यय में ग्रामीण विकास की हिस्सेदारी
वर्ष 2014-15 से 2020-21 की अवधि में खर्च किए गए कुल CSR फंड का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और ग्रामीण विकास से संबंधित गतिविधियों में व्यय किया गयाथा।
CSR, यह व्यवसायों द्वारा अपने व्यावसायिक कार्यों में सामाजिक और पर्यावरणीयचिंताओं को शामिल करने की प्रतिबद्धता है।
इसके तहत कुछ शर्तों को पूरी करने वाली कंपनियों को अपने औसत निवल लाभ का 2 प्रतिशत CSR गतिविधियों पर व्यय करना होता है।
निम्नलिखित कंपनियों के लिए CSR व्यय अनिवार्य किया गया है:
- जिनका किसी वित्तीय वर्ष के दौरान नेटवर्थ 500 करोड़ रुपये या उससे अधिक हो, या जिनका टर्नओवर 1,000 करोड़ रुपये या उससे अधिक हो या, जिन्हें लगातार पिछले तीन वित्तीय वर्षों के दौरान 5 करोड़ रुपये या अधिक का शुद्ध लाभ हुआ हो।
- CSR के लिए पात्र गतिविधियों में स्वच्छ भारत कोश, स्वच्छ गंगा कोश, हर घर तिरंगा अभियान आदि में योगदान करना शामिल है।
- कंपनियां सांकेतिक दान कर सकती हैं या स्वयं ऐसी CSR गतिविधियां संचालित कर सकती हैं, जिनमेंरणनीतिक योजना निर्माण और प्रभाव मूल्यांकन का अभाव होता है।
दीनदयाल अंत्योदय योजना-
- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY – NRLM) ने CSR कॉन्क्लेव का आयोजन किया है।
- यह इस श्रृंखला में पहला कदम है। यह आयोजन ग्रामीण क्षेत्रों में कल्याणकारी पहलों को प्रभावी बनाने के लिए किया गया है।
- DAY – NRLM केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की एक पहल है। इसका उद्देश्य गरीब परिवारों को लाभकारी स्वरोजगार शुरू करने और कुशल श्रम वाले रोजगार के अवसर प्राप्त करने में सक्षम बनाकर गरीबी को कम करना है।
स्रोत – पी.आई.बी.