क्रिप्टो–एसेट रिपोर्टिंग फ्रेमवर्क (CARF)
हाल ही में आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) ने ‘क्रिप्टो-एसेट रिपोर्टिंग फ्रेमवर्क (CARF)’ जारी किया है।
CARF क्रिप्टो-एसेट्स में लेनदेन पर एक मानकीकृत तरीके से कर-संबंधी सूचनाओं की रिपोर्टिंग का प्रावधान करता है। इसका उद्देश्य इस तरह की सूचनाओं के स्वचालित रूप से आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है।
CARF का लक्ष्य क्रिप्टोकरेंसी जैसी डिजिटल परिसंपत्ति का उपयोग करके अंतर्राष्ट्रीय कर वंचना (tax evasion) की प्रवृत्ति से निपटना है।
यह फ्रेमवर्क ऐसे समय में जारी किया गया है, जब क्रिप्टो उद्योग का पूंजीकरण 715 बिलियन डॉलर से बढ़कर 3 ट्रिलियन हुआ और फिर इसमें भारी गिरावट दर्ज की गई।
CARF के बारे में
- इसमें ऐसे एक्सचेंज, ब्रोकर और ATM ऑपरेटर शामिल हैं, जो प्रासंगिक क्रिप्टो परिसंपत्तियों के बीच लेनदेन की सुविधा प्रदान करते हैं।
- CARE, आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) के कॉमन रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड (CRS) के अनुरूप है।
- CARF के तहत व्यक्ति और संस्था, दोनों प्रकार के ग्राहकों की पहचान करने में उचित सतर्कता प्रक्रिया को अनिवार्य किया गया है।
- इसी तरह की सतर्कता स्वयं की पहचान करने के लिए नियंत्रणकर्ता व्यक्तियों के मामले में भी आवश्यक की गई है।
- CARF उन देशों में क्रिप्टो परिसंपत्ति कंपनियों के लिए रिपोर्टिंग आवश्यकताओं को निर्धारित करता है, जहां वे परिचालन करती हैं।
- फिएट मुद्राओं और प्रासंगिक क्रिप्टो परिसंपत्तियों के बीच क्रिप्टो के आदान-प्रदान के साथ-साथ क्रिप्टो ट्रांसफर (रिटेल भुगतान सहित) की रिपोर्टिंग भी आवश्यक की गई है।
कॉमन रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड (CRS) के बारे में
- इसे OECD ने वर्ष 2014 में प्रकाशित किया था। CRS, सीमा पार वित्तीय निवेश पर पारदर्शिता सुनिश्चित करता है और विदेशों में कर चोरी से निपटता है।
- केंद्रीय बैंकों द्वारा जारी डिजिटल करेंसी को CARF की बजाय CRS में शामिल किया गया है।
क्रिप्टोकरेंसी के बारे में
- यह विनिमय का एक डिजिटल, एन्क्रिप्टेड और विकेन्द्रीकृत माध्यम है। एक अनुमान के अनुसार भारत में 15 मिलियन से 20 मिलियन तक क्रिप्टो निवेशक हैं। इनकी कुल क्रिप्टो होल्डिंग्स लगभग 40,000 करोड़ रुपये है।
- हालांकि, भारतीय क्रिप्टो बाजार के आकार पर कोई आधिकारिक डेटा उपलब्ध नहीं है। भारत हमेशा से क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए एक वैश्विक ढांचे का समर्थन करता रहा है।
स्रोत – द हिन्दू