CPSE में विनिवेश के लिए वित्त मंत्रालय द्वारा दिशा निर्देश जारी
केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (CPSE) में विनिवेश के लिए वित्त मंत्रालय द्वारा दिशा निर्देश जारी किये गए ।
ये दिशा-निर्देश नई सार्वजनिक उपक्रम नीति को लागू करने के लिए गैर-रणनीतिक CPSE के निजीकरण, विलय, बंद या सहायकीकरण (subsidiarisation) के उद्देश्य से जारी किए गए हैं।
प्रमुख प्रावधान:
- सार्वजनिक उद्यम विभाग गैर-रणनीतिक क्षेत्रों में बंद या निजीकरण के लिए CPSEs की पहचान करेगा। साथ ही, आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की मंजूरी प्राप्त करने के लिए प्रस्ताव तैयार करेगा।
- एक बार स्वीकृति मिलने के बाद, विनिवेश या उद्यमों को बंद करने की प्रक्रिया सात महीने के भीतर पूरी की जाएगी।
- विनिवेश आमतौर पर किसी परिसंपत्ति या उसकी सहायक इकाई को रणनीतिक उपाय के रूप में या संसाधन जुटाने की प्रक्रिया स्वरूप बेचने या परिसमापन को संदर्भित करता है।
- इसके मुख्य उद्देश्य सरकार पर वित्तीय बोझ को कम करना, प्रतिस्पर्धा और बाजार अनुशासन लागू करना तथा स्वामित्व की विस्तारित हिस्सेदारी को प्रोत्साहित करना आदि हैं।
हिस्सेदारी के विक्रय के प्रतिशत के आधार पर, यह तीन प्रकार का होता है:
- अल्पांश विनिवेशः सरकार की अधिक हिस्सेदारी (57% से ज्यादा) होती है, और प्रबंधन पर नियंत्रण बना रहता है। उदाहरण केलिए- ओ.एन.जी.सी. लिमिटेड।
- रणनीतिक विनिवेशः प्रबंधन नियंत्रण के हस्तांतरण के साथ-साथ सरकारी अंशधारिता के 50% या उससे भी अधिक हिस्से कीबिक्री। उदाहरण के लिए- BPCL की योजनाबद्ध बिक्री।
- पूर्ण विनिवेशः अधिक हिस्सेदारी का भी विनिवेश, जहां कंपनी का 100% नियंत्रण क्रेता को दे दिया जाता है। जैसे एयर इंडिया की हालिया बिक्री।
नई सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (PSE) नीति
आत्मनिर्भर भारत के लिए फरवरी 2021 में अधिसूचित, नई नीति ने CPSEs को रणनीतिक और गैर-रणनीतिक क्षेत्रों में वर्गीकृत किया है। इसमें कुछ CPSEs को छूट प्रदान की गई है जो अलाभकारी प्रकृति के हैं या सुभेद्य और कमजोर वर्गों का समर्थन करते हैं।
स्रोत –द हिन्दू
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