भारत द्वारा संधारणीय कृषि पर COP26 एक्शन एजेंडे पर हस्ताक्षर
हाल ही में भारत ने “संधारणीय कृषि पर COP26 एक्शन एजेंडे” पर UNFCC के पक्षकारों के 28वें सम्मेलन (अर्थात् COP26 एक्शन) के दौरान भारत और 27 अन्य देशों ने निम्नलिखित दो एजेंडे पर हस्ताक्षर किए हैं।
- संधारणीय कृषि अपनाने के लिए संधारणीय कृषि नीति एक्शन एजेंडा (Sustainable Agriculture Policy Action Agenda for the Transition to Sustainable Agriculture); और
- कृषि में नवाचार के लिए वैश्विक एक्शन एजेंडा (Global Action Agenda for Innovation in Agriculture)
कृषि में नवाचार के लिए वैश्विक एक्शन एजेंडा (Global Action Agenda for Innovation in Agriculture)
- यह कृषि को अधिक संधारणीय और अल्प प्रदूषणकारी बनाने के लिए नई प्रतिबद्धताओं का निर्धारण करता है।
- साथ ही, इससे देश सतत कृषि के लिए और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ खाद्य आपूर्ति के संरक्षण के लिए आवश्यक विज्ञान में निवेश करेंगे।
यह पॉलिसी एक्शन एजेंडा एक संधारणीय कृषि दृष्टिकोण के कुछ सिद्धांतों पर विचार करता है, जैसे–
- यह किसानों और ग्रामीण समुदायों के लिए बेहतर आर्थिक आजीविका और आय के सृजन का समर्थन करता है। इससे गरीबी उन्मूलन, खाद्य और पोषण सुरक्षा, लचीलापन और आजीविका सुरक्षा आदि में सहायता मिलेगी।
- यह आगतों (इनपुट्स) और संसाधनों के कुशलतापूर्वक उपयोग का समर्थन करता है। इस प्रकार यह ऐसे कृत्रिम (गैर-नवीकरणीय) आगतों और संसाधनों के उपयोग को कम कर सकता है, जिनका जलवायु और पर्यावरण पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है।
- इसमें पारिस्थितिकी तंत्र को यथावत बनाए रखने का प्रयास किया जाएगा। साथ ही, अन्य पारिस्थितिक तंत्रों में कृषि भूमि के विस्तार पर रोक लगाई जाएगी।
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) के अनुसार, संधारणीय कृषि की परिभाषा-
इसका आशय प्राकृतिक संसाधनों के उचित प्रबंधन और उन्हें सुरक्षित रखने से है। इस परिभाषा के अनुसार, तकनीकी एवं संस्थागत परिवर्तन ऐसे होने चाहिए जिससे कि वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति और उनकी निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।
अन्य संबंधित तथ्य
- द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (TERI) ने ग्लासगो जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में एक समान और महत्वाकांक्षी परिणाम के लिए COP26 चार्टर ऑफ एक्शन लॉन्च किया है।
- इस चार्टर में उल्लेख है कि वर्ष 1850 से देशों के संचयी CO2 उत्सर्जन को जलवायु शमन कार्रवाई के लिए मार्गदर्शन माना जाना चाहिए।
- भारत ने यूनाइटेड किंगडम के “30बाय30 (30by30)” लक्ष्य का समर्थन किया है। उल्लेखनीय है कि इसके तहत यूनाइटेड किंगडम ने वर्ष 2030 तक विश्व के 30% महासागर की रक्षा करने का लक्ष्य रखा है।
स्रोत – द हिन्दू