‘इंडिया अर्थात भारत’ शब्द पर विवाद
हाल ही में देश का नाम ‘इंडिया’ से बदलकर भारत करने की चर्चा हो रही है।
संविधान के अनुच्छेद-1 में दो नामों का परस्पर उपयोग किया गया है, “इंडिया, जो कि भारत है, राज्यों का एक संघ होगा”।
ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य:
- भरत, भारत , या भारतवर्ष की जड़ें पौराणिक साहित्य और महाकाव्य महाभारत में पाई जाती हैं ।
- विष्णु पुराण में भारत का वर्णन “दक्षिण में समुद्र और उत्तर में बर्फ के निवास” के बीच की भूमि के रूप में किया गया है। कुछ विशेषज्ञों के अनुसार यह भी कहा जाता है कि, हमारे देश का ‘भारत’ नाम ऋग्वैदिक जनजाति के एक राजा ‘भरत’ के नाम पर पड़ा है
- ऋग्वेद में भारत भूमि को ‘भारतम जनम’ और यहाँ के निवासियों को ‘भरतपुत्र’ कहा गया है। सामाजिक वैज्ञानिक कैथरीन क्लेमेंटिन-ओझा ने भारत की व्याख्या राजनीतिक या भौगोलिक इकाई के बजाय एक धार्मिक और सामाजिक-सांस्कृतिक इकाई के रूप में की है ।
- ‘भारत’ का तात्पर्य “अतिक्षेत्रीय और उपमहाद्वीपीय क्षेत्र से है, जहां समाज की ब्राह्मणवादी व्यवस्था प्रचलित है”।
- खारवेल के हाथीगुम्फा अभिलेख में मिलता है कि”उसने भारतवर्ष को जीतने के लिए एक अभियान भेजा था।”
- ब्रिटिश भारत: 18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध से, ब्रिटिश मानचित्रों पर ‘इंडिया’ नाम का प्रयोग तेजी से होने लगा और ‘हिंदुस्तान’ नाम पूरे दक्षिण एशिया से खत्म होता चला गया।
- संविधान का निर्माण: नेहरू जी ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ में, इंडिया, भारत और हिंदुस्तान शब्द का उल्लेख किया है । लेकिन जब संविधान में इंडिया नाम देने का सवाल उठा तो ‘हिंदुस्तान’ हटा दिया गया, और ‘भारत’ और ‘इंडिया’ दोनों को बरकरार रखा गया।
- संविधान सभा: 17 सितंबर, 1949 को संविधान सभा की बैठक “संघ का नाम और क्षेत्र” पर चर्चा के लिए लिया गया था। ठीक उसी समय से जब पहला अनुच्छेद “इंडिया यानी भारत, राज्यों का एक संघ होगा” के रूप में पढ़ा गया था। सदस्यों के बीच मतभेद उत्पन्न हो गया।
- संविधान सभा के कई सदस्यों ने ‘इंडिया’ के उपयोग के खिलाफ आवाज को ऊँचा किया, उन्होंने इस शब्द को औपनिवेशिक अतीत की याद के रूप में देखा। हरि विष्णु कामथ ने सुझाव दिया कि पहले आर्टिकल क्या होना चाहिए, “भारत या अंग्रेजी भाषा में इंडिया “।
- इतिहासकार और भाषाशास्त्री: इतिहासकारों और भाषाशास्त्रियों ने इस देश के नाम, विशेषकर इस नाम की उत्पत्ति, भारत, के विषय में गहराई से अध्ययन किया है। वे सभी इस भारत नाम की उत्पत्ति के विषय में एकमत नहीं हैं। कुछ लोगों ने संभावित नामों के रूप में “भारत” या “भारतवर्ष” या “भारतभूमि” का सुझाव दिया जो धर्मग्रंथों से लिए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट की राय:
- 2020 में, सुप्रीम कोर्ट ने संविधान से “इंडिया” को हटाने और “इस देश के नागरिकों को औपनिवेशिक अतीत से छुटकारा पाने को सुनिश्चित करने” के लिए केवल भारत को बनाए रखने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा, ”भारत को संविधान में पहले से ही भारत कहा गया है।”
- भारत के मुख्य न्यायाधीश ने दो नामों में से किसी एक को चुनने के व्यक्ति के अधिकार को बरकरार रखा।
आगे की राह:
- सरकार ‘भारत’ को देश का आधिकारिक नाम बनाने का फैसला कर सकती है।
- हालाँकि, उन्हें संविधान के अनुच्छेद 1 में संशोधन के लिए संसद में एक विधेयक पेश करना होगा।
- हालांकि भारत को ‘भारत’ कहने में कोई संवैधानिक आपत्ति नहीं है, लेकिन ‘इंडिया’, जिसकी ब्रांड वैल्यू बेशुमार है, से पूरी तरह छुटकारा पाना व्यर्थ है।
स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस