उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम 2020 रिपोर्ट

उपभोक्ता संरक्षण (ई-वाणिज्य) – (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 रिपोर्ट

हाल ही में, एक संसदीय समिति ने ‘उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020’ पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है, रिपोर्ट में सरकार से यह मांग की गई है कि ‘अनुचित व्यवसायिक व्यवहार’ को और अधिक स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाए।

अनुचितव्यवसायिक व्यवहार:

ज्ञातव्य हो कि ई-वाणिज्य उद्यम के कई लाभ हैं, लेकिन  इस क्षेत्र के विकास ने उपभोक्ताओं को अनुचित व्यवसायिक प्रथाओं, गोपनीयता के उल्लंघन और शिकायतों को दर्ज करने आदि के प्रति संवेदनशील बना दिया है।परिणामस्वरूप फर्जी मूल्यांकन और अनुचित पक्षपात जैसी समस्याएँ देखने को मिलती हैं।

स्वार्थचालित कीमतें(Predatory pricing):

इस प्रकार की रणनीति में किसी कंपनी द्वारा एक उत्पाद का मूल्य इतना कम निर्धारित किया जाता है कि अन्य कंपनियाँ उसकी प्रतिस्पर्द्धा नहीं कर पाती हैं और बाज़ार छोड़ने के लिये मज़बूर हो जाती है| स्वार्थचालित कीमतें एक अल्पकालिक रणनीति होती है, इससे बाजार में प्रतिस्पर्धा समाप्त हो सकती है जो लंबे समय में उपभोक्ताओं के लिए हानिकारक हो सकती है।

ई-वाणिज्य(E-commerce):

इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स या ई-कॉमर्स एक व्यवसाय मॉडल है जो फर्मों और व्यक्तियों को इंटरनेट पर चीजें खरीदने और बेचने का मंच उपलब्ध कराता  है।

ई-कॉमर्स, जिसे कंप्यूटर, टैबलेट या स्मार्टफ़ोन पर संपन्न  किया जा सकता है, मेल-ऑर्डर कैटलॉग खरीदारी के डिजिटल संस्करण की तरह है .

ई-कॉमर्स लेन-देन के माध्यम से लगभग हर संभाव्य उत्पाद और सेवा उपलब्ध है, जिसमें किताबें, संगीत, विमान टिकट, और वित्तीय सेवाएं जैसे स्टॉक निवेश और ऑनलाइन बैंकिंग शामिल हैं।

संसदीय समिति की सिफारिशें:

  • भुगतान सुरक्षा: उपयोगकर्ताओं के लेनदेन डेटा के साथ कोई समझौता संभव न हो इसके लिए भुगतान गेटवे की एक सुरक्षित और मजबूत प्रणाली को स्थापित किया जाना चाहिए, ।
  • भ्रामक तकनीक पर रोक लगाना :एल्गोरिदम में परिवर्तन, फ़ेक समीक्षा और रेटिंग सहित सभी भ्रामक रणनीतियों को प्रतिबंधित करने के लिये कुछ सुधारात्मक तंत्र बनाए जाने की आवश्कता है|
  • स्पष्ट परिभाषा: अनुचित या गैर-न्यायसंगत लाभ या अनुचित प्रथाओं के परिणामस्वरूप किन गतिविधियों को वर्गीकृत किया जा सकता है, इस बारे में स्पष्टता की कमी है।इस स्पष्टता के परिणामस्वरूप उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण, ई-कॉमर्स संस्थाओं द्वारा उपयोग किए जाने वाले मूल्य निर्धारण तंत्रों की जांच कर सकता है।
  • उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020, अनिवार्य प्रकृति के हैं ,न की सलाहकारी मात्र |
  • उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020, उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत निर्दिष्ट किए गए हैं।

स्रोत – द हिन्दू

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