बांग्लादेश के साथ व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA)
हाल ही में वाणिज्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि भारत, बांग्लादेश के साथ व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) को आगे बढ़ाना चाहता है।
दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र (SAFTA) समझौता वर्ष 2006 में लागू किया गया था। यह व्यापार हेतु प्रशुल्क व्यवस्थाओं को नियंत्रित करता है। इस समझौते के तहत पहले से ही भारत और बांग्लादेश के बीच वस्तु व्यापार समझौता अस्तित्व में है।
SAFTA के तहत, भारत ने शराब और तंबाकू को छोड़कर सभी वस्तुओं पर बांग्लादेश को “शुल्क-मुक्त कोटा-मुक्त” पहुंच प्रदान की है।
व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) का महत्व
- बांग्लादेश, दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है। दोनों देशों के बीच पिछले एक दशक में द्विपक्षीय व्यापार में लगातार वृद्धि हुई है।
- वर्ष 2021 में, बांग्लादेश के साथ व्यापार में निर्यात का लगभग 3 प्रतिशत हिस्सा (9.7 अरब डॉलर) और आयात का लगभग 0.3 प्रतिशत हिस्सा (1.3 अरब डॉलर) था। पिछले एक दशक में बांग्लादेश द्वारा भारत को किए गए निर्यात में तीन गुना वृद्धि हुई है।
- भारत से बांग्लादेश को किए जाने वाले शीर्ष निर्यात में कपास, अनाज, ईंधन, वाहन के पुर्जे, मशीनरी और यांत्रिक उपकरण शामिल हैं।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने भारत–बांग्लादेश संबंधों को मजबूत करने के लिए चार फोकस क्षेत्रों को सूचीबद्ध किया है:
- बाधा रहित आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करना।
- दोनों देशों के बीच रक्षा उपकरणों के संयुक्त उत्पादन को और अधिक प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।
- कपड़ा, जूट उत्पाद, चमड़ा और जूते, चिकित्सा उपकरण आदि जैसे निवेश के संभावित क्षेत्रों की क्षमता का उपयोग करना।
- दोनों देश टीकों और अन्य दवाओं के संयुक्त विनिर्माण के साथ “विश्व की फार्मेसी” बन सकते हैं।
स्रोत –द हिन्दू
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