CO2 का वर्तमान स्तर 40 लाख वर्ष पहले के स्तर के बराबर
कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) का वर्तमान स्तर 40 लाख वर्ष पहले के स्तर के बराबर हो गया है।
हाल ही में, ‘मौना लोआ एटमॉस्फेरिक बेसलाइन ऑब्जर्वेटरी’ (MALABO), हवाई में CO2 का मापन किया गया है। जिसके निष्कर्ष के अनुसार इसकी मात्रा, मई 2022 में 421 पार्ट्स प्रति मिलियन (PPM) के स्तर को पार कर गई थी।
MLABO का संचालन संयुक्त राज्य अमेरिका का नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) करता है। MLABO मौना लोआ ज्वालामुखी की ढलानों पर CO2 को मापने के लिए एक मानक स्थल है।
मौना लोआ विश्व का सबसे बड़ा सक्रिय ज्वालामुखी है।
मापी गई अन्य गैसों में शामिल हैं: कार्बन मोनोऑक्साइड, मीथेन, नाइट्रस ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड आदि।
इस वर्ष MLABO में मापी गई CO2 के निष्कर्ष निम्नलिखित है:
- औद्योगिक क्रांति-पूर्व स्तर के 280 PPM से 50% अधिक है (वर्ष 2021 से 8 PPM अधिक)।
- यह लगभग 41 से 45 लाख वर्ष पहले के प्लायोसीन युग के स्तर के बराबर है।
- उस समय वर्तमान की तुलना में तापमान 9 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म था और समुद्र का स्तर 5 से 25 मीटर अधिक था। CO2 एक ग्रीनहाउस गैस है। यह ऊष्मा को रोक लेती है। इससे धीरे-धीरे वैश्विक तापवृद्धि होती है।
CO2 उत्सर्जन के पीछे मुख्य मानव जनित कारण निम्नलिखित हैं:
- जीवाश्म इंधन का दहन (परिवहन, ऊर्जा उत्पादन आदि के लिए)
- वनों की कटाई, भूमि उपयोग में परिवर्तन
- पशुधन आदि।
स्रोत –द हिन्दू