जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक, 2023
हाल ही में जर्मन वॉच और क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क द्वारा (जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक) संकलित क्लाइमेट चेंज परफॉर्मेंस इंडेक्स 2023 का 18वां संस्करण 15 नवंबर, 2022 को जारी किया गया।
- भारत जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (CCPI) 2023 में 63 देशों में दो स्थान के सुधार के साथ आठवें स्थान पर पहुंच गया।
- इस सूचकांक में शीर्ष तीन स्थानों को रिक्त रखा गया है क्योंकि किसी भी देश ने समग्र रूप से उच्च रेटिंग प्राप्त करने के लिये सभी सूचकांक श्रेणियों में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है।
- इस सूचकांक में चौथे स्थान पर डेनमार्क है जबकि इसके पश्चात् स्वीडन, चिली और मोरक्को को स्थान दिया गया है।
- विश्व में ईरान (63वाँ), सऊदी अरब (62वाँ) एवं कजाकिस्तान (61वाँ) ने सबसे निम्न प्रदर्शन किया है। जबकि सूचकांक में चीन को 51वें एवं अमेरिका को 52वें स्थान पर रखा गया है।
भारत की स्थिति–
- इस सूचकांक में भारत की रैंकिंग में दो स्थानों का सुधार हुआ है। विदित है कि विगत वर्ष इस सूचकांक में भारत को 10वाँ स्थान प्राप्त हुआ था। इस वर्ष सूचकांक में भारत का 8वाँ स्थान रहा है।
- भारत के दो स्थानों की छलांग का कारण कम उत्सर्जन और नवीकरणीय ऊर्जा के बढ़ते उपयोग को माना जा सकता है।
- जर्मनवॉच, न्यूक्लाइमेट इंस्टीट्यूट और क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क की रैंकिंग इस बात पर आधारित है कि देश 2030 तक अपने उत्सर्जन को आधा करने के लिए क्या प्रयास कर रहे हैं।
- भारत ने हरित गृह गैस (GHG) उत्सर्जन और ऊर्जा उपयोग श्रेणियों में उच्च रेटिंग, जबकि जलवायु नीति और नवीकरणीय ऊर्जा वर्गों में मध्यम रेटिंग प्राप्त की है।
सूचकांक के बारे में
- इस सूचकांक को तीन पर्यावरणीय गैर-सरकारी संगठनों ‘जर्मनवॉच, न्यू क्लाइमेट इंस्टीट्यूट और क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क’ द्वारा जारी किया गया है।
- यह सूचकांक 59 देशों एवं यूरोपीय संघ के जलवायु प्रदर्शन का आकलन करता है। ये देश विश्व में जी.एच.जी. उत्सर्जन के 92% से अधिक के लिये जिम्मेदार हैं।
यह सूचकांक चार श्रेणियों में प्रत्येक देश के प्रदर्शन का आकलन करता है–
- जी.एच.जी. उत्सर्जन (समग्र रैंकिंग का 40%),
- नवीकरणीय ऊर्जा (20%),
- ऊर्जा उपयोग (20%)
- जलवायु नीति (20%)।
स्रोत – द हिन्दू