शहरों की ‘स्वच्छ वायु सर्वेक्षण (SVS)’ रैंकिंग शुरू
हाल ही में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) शहरों की ‘स्वच्छ वायु सर्वेक्षण (SVS)’ रैंकिंग शुरू की है।
SVS शहरी कार्य योजनाओं को लागू करने के लिए देश के 131 शहरों को रैंक प्रदान करेगा।
शहरी कार्य योजनाओं को राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NACP) 2019 के अंतर्गत तैयार किया गया है।
इन योजनाओं के तहत वर्ष 2025-26 तक वायु प्रदूषण को 40% तक कम करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
स्वच्छ वायु सर्वेक्षण की मुख्य विशेषताएं–
- यह रैंकिंग वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए शहरों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में किए गए कार्यों पर आधारित है। यह वायु गुणवत्ता मानकों के मापन पर शहरों की रैंकिंग नहीं करेगा।
- ‘प्राण’ (PRANA) ऑनलाइन पोर्टल पर दिए गए फ्रेमवर्क के अनुसार शहरों को स्व-मूल्यांकन करना आवश्यक है। ‘प्राण‘ (गैर प्राप्ति शहरों में वायु प्रदूषण के विनियमन के लिए पोर्टल: PRANA) NCAP के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए लॉन्च किया गया है।
131 शहरों को जनसंख्या के आधार पर निम्नलिखित तीन समूहों में वर्गीकृत किया गया है:
- 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 47 शहर,
- 3 से 10 लाख की जनसंख्या वाले 44 शहर और
- 3 लाख से कम जनसंख्या वाले 40 शहर।
प्रत्येक समूह में तीन सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले शहरों को प्रतिस्पर्धी संघवाद की भावना के आधार पर नकद पुरस्कार दिए जाएंगे।
NCAP की शुरुआत MoEFCC ने की थी। इसके तहत वायु प्रदूषक कणों (PM10 व PM2.5) की सांद्रता को 20 से 30 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए वर्ष 2017 के प्रदूषण स्तरों को आधार के रूप में उपयोग किया जाएगा।
यह भारत के सबसे प्रदूषित या गैर-प्राप्त (non-attainment) 132 शहरों को कवर करता है। ये वे शहर हैं, जिनकी वायु गुणवत्ता वर्ष 2011 से वर्ष 2015 के राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानकों (NAAOS-National Ambient Air Quality Standards) को पूरा नहीं करती है।
स्रोत – पीआईबी