चीन द्वारा पावर ग्रिड सिस्टम्स‘ को हैक करने का प्रयास
हाल ही में चीन ने लद्दाख में तीन बार “पावर ग्रिड सिस्टम्स” को हैक करने का प्रयास किया है। हैकर्स द्वारा शैडो पैड (Shadow Pad) नामक ट्रोजन का इस्तेमाल “स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर्स” (SLDCs) को हैक करने के लिए किया गया।
हालांकि, भारत में क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्टर (यानी महत्वपूर्ण अवसंरचना) के लिए पहले से मौजूद सुरक्षा उपायों के कारण उन्हें सफलता नहीं मिली। कथित तौर पर यह माना जाता है कि शैडोपैड ट्रोजन को चीन की सरकार द्वारा बनाया गया है।
स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर्सः ये रियल टाइम आधार पर ग्रिड कंट्रोल और इलेक्ट्रिक डिस्पैच के लिए जिम्मेदार होते हैं।
क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्टर्स: इसका आशय देश के लिए अति महत्वपूर्ण और आवश्यक भौतिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी फैसिलिटी (या प्रतिष्ठान /केंद्र), नेटवर्क, सेवाओं और परिसंपत्तियों से है। इनमें किसी भी प्रकार का व्यवधान होने से स्वास्थ्य, रक्षा, सुरक्षा, आर्थिक या सामाजिक कल्याण या सरकार के महत्वपूर्ण कामकाज पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
भारत में क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्टर्स की सुरक्षा के लिए किए गए उपायः
नीतिगत उपायः उनकी सुरक्षा के लिए वर्ष 2013 में राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति घोषित की गयी थी। इसका उद्देश्य नागरिकों, व्यवसायों और सरकार के लिए एक सुरक्षित और लचीले (रजिलिएंट) साइबर स्पेस का निर्माण करना है।
संस्थागत उपायः
- राष्ट्रीय महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना संरक्षण केंद्र (National Critical Information Infrastructure Protection centre-NCIPC): इसकी स्थापना देश की महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना (CIIs) को विनियमित और उन्हें सुरक्षित रखने के लिए की गयी है।
- भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (Indian Computer Emergency Response Team CERT-IN): यह कंप्यूटर सुरक्षा और उन पर हमलों से संबंधित घटनाओं पर कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय नोडल एजेंसी है।
- राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक (National cyber Security Coordinator:- NCSC): इसका कार्य साइबर सुरक्षा मामलों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अलग-अलग एजेंसियों के साथ समन्वय करना है।
- अन्य प्रमुख पहलें: केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण ने विद्युत क्षेत्र की सभी यूटिलिटीज (यानी बिजली कंपनी या बिजली केंद्र/प्रतिष्ठान) के लिए साइबर सुरक्षा दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके अलावा, विद्युत अवसंरचना को बाधित करने के प्रयासों को विफल करने के लिए फायरवॉल और एक विशेष कंप्यूटर सुरक्षा घटना प्रतिक्रिया दल (Computer Security Incident Response Team: CSIRT) बनाने की योजना बनाई गयी है।
स्रोत –द हिन्दू