पुरी हेरिटेज कॉरिडोर प्रोजेक्ट (PHCP) की चुनौतियाँ
हाल ही में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने ओडिशा सरकार को पत्र लिखकर पुरी हेरिटेज कॉरिडोर प्रोजेक्ट (PHCP) से जुड़े खतरों के बारे में चेतावनी दी है।
- प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल और अवशेष (AMASAR) अधिनियम, के तहत, इस मंदिर के 100 मीटर के दायरे में कोई भी नया निर्माण कार्य प्रतिबंधित है।
- जबकि राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण ने PHCP के तहत कुछ निर्माण कार्य के लिए राज्य सरकार को अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी किया है। यह निर्माण कथित तौर पर प्रतिबंधित क्षेत्र के भीतर होना है।
- राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण, केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के तहत एक संगठन है। इसकी स्थापना AMASAR अधिनियम के तहत की गयी थी
- यह प्राधिकरण प्रतिबंधित और विनियमित क्षेत्र में निर्माण संबंधी गतिविधियों के लिए अनुमति प्रदान करने पर विचार करता है।
- ज्ञातव्य है कि पवित्र पुरी शहर को अंतर्राष्ट्रीय धरोहर स्थल में बदलने के लिए दिसंबर 2019 में पुरी हेरिटेज कॉरिडोर प्रोजेक्ट की घोषणा की गयी थी।
पुरी के जगन्नाथ मंदिर के बारे में:
- इसका निर्माण गंग राजवंश के राजा अनंतवर्मन चोडगंग देव ने 12वीं शताब्दी में पुरी में कराया था।
- पुरी में पवित्र त्रिमूर्ति अर्थात् भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और बलभद्र की पूजा की जाती है।
- यह भारत में तीर्थयात्राओं के लिए प्रसिद्ध चार धामों में शामिल है। अन्य तीन धाम द्वारका, बद्रीनाथ और रामेश्वर हैं।
- श्री जगन्नाथ को समर्पित कई त्यौहार वर्ष भर मनाए जाते हैं। इनमें स्नान यात्रा, नेत्रोत्सव, रथ यात्रा, शयनी एकादशी, चितलागी अमावस्या, श्रीकृष्ण जन्म, दशहरा आदि शामिल हैं।
जगन्नाथ मंदिर के स्थापत्य की विशेषताएं
- मुख्य मंदिर का निर्माण कलिंग वास्तुकला शैली में किया गया है। इस मंदिर का निर्माण कुछ इस तरह किया गया है कि दिन के किसी भी समय मंदिर की कोई छाया, भूमि पर नहीं पड़ती है।
- पवित्र त्रिमूर्ति की प्रतिमायों को पत्थर या धातु की बजाय लकड़ी पर उकेरा गया है। इस क्षेत्र के अन्य मंदिरों के विपरीत, पुरी के मंदिरों पर मुख्य रूप से देवी-देवताओं की प्रतिमाएं उकेरी गयी हैं।
स्रोत –द हिन्दू