‘CDRI’ को अंतर्राष्ट्रीय संगठन के रूप में वर्गीकृत करने की मंजूरी
हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आपदा रोधी अवसंरचना के लिए गठबंधन (Coalition for Disaster Resilient Infrastructure -CDRI) को अंतर्राष्ट्रीय संगठन के रूप में वर्गीकृत करने की मंजूरी दी है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने CDRI के साथ हेडक्वार्टर्स एग्रीमेंट (HQA) पर हस्ताक्षर करने को भी मंजूरी दी है। यह मंजूरी CDRI को संयुक्त राष्ट्र (विशेषाधिकार और उन्मुक्ति) अधिनियम, 1947 की धारा-3 के तहत अपेक्षित छूट, उन्मुक्ति और विशेषाधिकार प्रदान करने के लिए दी गयी है।
संयुक्त राष्ट्र विशेषाधिकार और उन्मुक्तियों पर अभिसमय को प्रभावी बनाने के लिए भारत में संयुक्त राष्ट्र (विशेषाधिकार और उन्मुक्ति) अधिनियम लागू किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 1946 में इस अभिसमय को अपनाया था।
संयुक्त राष्ट्र चार्टर का अनुच्छेद 104 और 105 संयुक्त राष्ट्र को उसके प्रत्येक सदस्य के राज्यक्षेत्र में ऐसी कानूनी क्षमता, विशेषाधिकार और उन्मुक्ति का लाभ उठाने की अनुमति देता है। ये इसके कार्यों के संचालन तथा इसके उद्देश्यों की पूर्ति के लिए आवश्यक हैं।
अंतर्राष्ट्रीय संगठन का दर्जा CDRI को एक स्वतंत्र और अंतर्राष्ट्रीय कानूनी संस्था की मान्यता प्रदान करेगा। इससे यह वैश्विक स्तर पर अपने कार्यों को कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से निष्पादित कर सकेगा।
अंतर्राष्ट्रीय संगठन का दर्जा मिलने से CDRI को निम्नलिखित की अनुमति प्राप्त हो जाएगीः
- देश में आपदा रोधी अवसंरचना को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संपर्क का लाभ उठाने की अनुमति ।
- विशेषज्ञों की भारत में नियुक्ति करने और सदस्य देशों के विशेषज्ञों को भारत लाने की अनुमति।
- विश्व स्तर पर फंड्स के इस्तेमाल और सदस्य देशों से अंशदान प्राप्त करने की अनुमति।
- आपदा रोधी अवसंरचना विकसित करने में राष्ट्रों की सहायता के लिए तकनीकी विशेषज्ञता उपलब्ध कराने की अनुमति।
आपदा रोधी अवसंरचना के लिए गठबंधन (CDRI)
- इसका सचिवालय नई दिल्ली में है।
- CDRI राष्ट्रीय सरकारों, संयुक्त राष्ट्र के एजेंसियों और कार्यक्रमों, बहुपक्षीय विकास बैंकों व वित्तपोषण तंत्रों, निजी क्षेत्र, शैक्षणिक तथा अन्य संस्थानों की एक बहु-हितधारक वैश्विक भागीदारी है।
- इसे वर्ष 2019 में संयुक्त राष्ट्र जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन (न्यूयॉक) में भारत के प्रधान मंत्री ने लॉन्च किया था।
- इसे अवसंरचना प्रणालियों को जलवायु और आपदा जोखिमों को सहने लायक बनाने और उसे बढ़ावा देने के लिए लॉन्च किया गया था। इससे सतत विकास सुनिश्चित हो सकेगा।
- इसकी शुरुआत के बाद से, 31 देश, 6 अंतर्राष्ट्रीय संगठन और 2 निजी क्षेत्र के संगठन सदस्य के रूप में CDRI में शामिल हुए हैं।
स्रोत –द हिन्दू