केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने बैंक धोखाधड़ी मामले में मुकदमा दायर
हाल ही में, CBI ने सूरत स्थित एक कंपनी, ए.बी.जी. शिपयार्ड लिमिटेड के पूर्व चेयरमैन के खिलाफ 22,842 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में मुकदमा दर्ज किया है।
बैंकिंग धोखाधड़ी एक वित्तीय या बैंकिंग संस्थान से अवैध तरीकों से धन या संपत्ति प्राप्त करने का प्रयास है।
इन गैर-कानूनी तरीकों में डेटा चोरी, साइबर अपराध,बही खातों में हेरफेर, जाली दस्तावेज का प्रयोग करना आदि शामिल हैं।
RBI की ‘ट्रेंड एंड प्रोग्रेस ऑफ बैंकिंग इन इंडिया’ रिपोर्ट के अनुसार, भारत में वर्ष 2021-22 की पहली छमाही में बैंकिंग धोखाधड़ी के 4071 मामले सामने आए हैं। ये मामले एक वर्ष पहले की अवधि के 3,499 मामलों से अधिक हैं।
हालांकि, धोखाधड़ी में शामिल राशि 64,621 करोड़ से घटकर 36,342 करोड़ हो गई है।
बैंकिंग धोखाधड़ी में वृद्धि के कारणों में शामिल हैं:
- प्रक्रियाओं में शामिल कर्मचारियों के साथ-साथ निरीक्षण करने वाले कर्मचारियों द्वारा भी निर्धारित प्रणालियों और प्रक्रियाओं के पालन में लापरवाही।
- नियंत्रक अधिकारियों द्वारा नियंत्रित प्रतिलाभों की समय पर प्राप्तियों और उनकी जांच-प्रक्रिया की निगरानी करने में लापरवाही।
- प्रक्रिया में शामिल बेईमान व्यक्तियों द्वारा प्रणाली में व्याप्त कमियों का लाभ उठाकर की गई धोखाधड़ी।
- कर्मचारियों के नियमित स्थानांतरण का अभाव ।
धोखाघड़ी को रोकने के उपायः
- सरकारी बैंकों को कार्यात्मक स्वायत्तता प्रदान की जानी चाहिए।
- अपने ग्राहक को जानें (KYC) मानदंडों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना चाहिए।
- बैंकों को सतर्क रहते हुए नियमित रूप से सभी खातों की निगरानी करते रहना चाहिए।
- व्यापारिक हितों वाले लोगों को बैंक बोर्ड आदि में शामिल होने से रोका जाना चाहिए।
स्रोत –द हिन्दू