CAG ने सरकार से ऑडिट डेटा मानकों को अपनाने का आग्रह किया
हाल ही में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने सरकार से ऑडिट डेटा मानकों को अपनाने का आग्रह किया है।
CAG ने कहा है कि सरकार की सभी IT प्रणालियों की आधारभूत डेटा संरचना में मानकीकरण का अभाव लेखा परीक्षा की प्रमुख चुनौतियों में से एक है।
CAG के अनुसार लेखा-परीक्षा मानकों को अपनाने के निम्नलिखित लाभ होंगे:
- अलग-अलग विभागों / एजेंसियों द्वारा रखरखाव किए जा रहे / की जा रही डेटा / जानकारी के बेहतर विश्लेषण के लिए उन्हें सुगम तरीके से व्यवस्थित किया जा सकेगा।
- इससे न केवल नीति निर्माताओं और अधिकारियों को, बल्कि डिजिटल तरीके से लेखा-परीक्षा करने वाले लेखा-परीक्षकों को भी मदद मिलेगी ।
- लेखा-परीक्षा किसी संगठन से स्वतंत्र संस्था द्वारा उस संगठन की वित्तीय रिपोर्ट का परीक्षण है ।
CAG राष्ट्रपति को निम्नलिखित तीन लेखा-परीक्षा रिपोर्ट प्रस्तुत करता है:
- विनियोग लेखाओं पर लेखा-परीक्षा रिपोर्ट,
- वित्त-लेखाओं पर लेखा-परीक्षा रिपोर्ट और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों पर लेखा-परीक्षा रिपोर्ट
लेखा-परीक्षा की प्रक्रिया से जुड़ी चिंताएं
लेखा-परीक्षा के निष्कर्षों को लागू करने के लिए शक्तियों का अभाव: हालांकि, लेखा-परीक्षा में विभागीय अधिकारियों द्वारा कानून, नियमों और विनियमों के व्यवस्थित उल्लंघनों का उल्लेख होता है, किंतु यह इसे रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाई करने में असमर्थ होती है।
CAG के अधिनियम से जुड़ी समस्या : जब कोई सार्वजनिक अधिकारी धन खर्च करता है और यह खर्च वैध रीति से अनुमोदित नहीं होता है, तब क्या कार्रवाई की जाएगी, इस बारे में अधिनियम मौन है।
राज्य सरकारों की स्वामित्व वाली कंपनियों की खाता-बही बदतर स्थिति में हैं।
अन्य चिंताएं:
पोस्ट फैक्टो ऑडिट संबंधी समस्या है, अर्थात CAG, धनराशि व्यय होने के बाद ही लेखा परीक्षा करता है,एवं CAG के पास आर्थिक विशेषज्ञता का अभाव है।
स्रोत – द हिन्दू