प्रश्न – संसद के प्रति कार्यपालिका की वित्तीय जवाबदेही सुनिश्चित करने में CAG महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करता है. सविस्तार समझाईये। साथ ही CAG की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने हेतु संविधान में वर्णित प्रावधानों का उल्लेख कीजिए। – 20 July 2021
उत्तर –
संसदीय लोकतंत्र में, कार्यपालिका विधायिका का हिस्सा होती है, और यह अपने कार्यों के लिए विधायिका के प्रति उत्तरदायी होती है। वित्तीय जवाबदेही इस जिम्मेदारी का एक महत्वपूर्ण पहलू है। इसे सुनिश्चित करने के लिए भारत के संविधान में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) (अनुच्छेद 148) के लिए एक स्वतंत्र कार्यालय का प्रावधान किया गया है।
- भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक (Comptroller & Auditor General of India-CAG) भारत के संविधान के तहत एक स्वतंत्र प्राधिकरण है।
- यह भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा विभाग (Indian Audit & Accounts Department) का प्रमुख और सार्वजनिक क्षेत्र का प्रमुख संरक्षक है।
- इस संस्था के माध्यम से संसद और राज्य विधानसभाओं के लिये सरकार और अन्य सार्वजनिक प्राधिकरणों (सार्वजनिक धन खर्च करने वाले) की जवाबदेही सुनिश्चित की जाती है और यह जानकारी जनसाधारण को दी जाती है।
वित्तीय उत्तरदायित्व और CAG
- लोक लेखा समिति संसद की सबसे महत्वपूर्ण स्थायी समितियों में से एक है। समिति का कार्य भारत के नियंत्रक एवंमहालेखा परीक्षक (Comptroller & Auditor General) के वार्षिक लेखा परीक्षण रिपोर्टों की जांच करना है।
- CAG राष्ट्रपति के समक्ष तीन प्रकार का लेखा परीक्षण/ऑडिट प्रस्तुत करता है- विनियोग खातों पर ऑडिट रिपोर्ट, वित्त खातों पर ऑडिट रिपोर्ट और सार्वजनिक उपक्रमों पर ऑडिट रिपोर्ट।
- लोक लेखा समिति तकनीकी अनियमितताओं को प्रकट करने के लिए सार्वजनिक व्यय की जांच न केवल विधिक एवं औपचारिक दृष्टिकोण से करती है बल्कि अर्थव्यवस्था, विवेक,तर्कसंगतता एवं प्राधिकार की दृष्टि से भी करता है ताकि अपव्यय, हानि, भ्रष्टाचार, अक्षमता और निरर्थक व्ययों के मामलो को सामने लाया जा सके।
- अपने कार्यों की पूर्ति में, समिति CAG द्वारा सहायता प्राप्त करती है। वास्तव में, Comptroller & Auditor General समिति के लिए एक मार्गदर्शक, मित्र और दार्शनिक के रूप में कार्य करता है।
- CAG की भूमिका भारत के संविधान और वित्तीय प्रशासन के क्षेत्र में संसद के कानून को बनाए रखना है।
- वित्तीय प्रशासन के क्षेत्र में संसद के प्रति कार्यपालिका (अर्थात मंत्रिपरिषद) की जवाबदेही CAG की ऑडिट रिपोर्ट के माध्यम से सुरक्षित है।
कैग की स्वायत्तता:
- CAG की स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिये संविधान में कई प्रावधान किये गए हैं।
- CAG राष्ट्रपति की सील और वारंट द्वारा नियुक्त किया जाता है और इसका कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक होता है। ( दोनों में से जो भी पहले हो)
- CAG को राष्ट्रपति द्वारा केवल संविधान में दर्ज प्रक्रिया के अनुसार हटाया जा सकता है जो कि सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को हटाने के तरीके के समान है।
- एक बार CAG के पद से सेवानिवृत्त होने/इस्तीफा देने के बाद वह भारत सरकार या किसी भी राज्य सरकार के अधीन किसी भी कार्यालय का पदभार नहीं ले सकता।
- CAG का वेतन और अन्य सेवा शर्तें नियुक्ति के बाद भिन्न (कम) नहीं की जा सकतीं।
- उसकी प्रशासनिक शक्तियाँ और भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा विभाग में सेवारत अधिकारियों की सेवा शर्तें राष्ट्रपति द्वारा उससे परामर्श के बाद ही निर्धारित की जाती हैं।
CAG के कार्यालय का प्रशासनिक व्यय, जिसमें सभी वेतन, भत्ते और पेंशन शामिल हैं, भारत की संचित निधि पर भारित होते हैं जिन पर संसद में मतदान नहीं हो सकता।