C-295 विमान
हाल ही में प्रधान मंत्री ने गुजरात के वडोदरा में C-295 परिवहन विमान निर्माण संयंत्र की आधारशिला रखी है।
C-295 विमान का उपयोग भारतीय वायु सेना द्वारा किया जाएगा। टाटा-एयरबस कंसोर्टियम इसका निर्माण कर रहा है। यह अपनी तरह की पहली परियोजना है। इसमें भारत में एक सैन्य विमान का निर्माण एक निजी कंपनी कर रही है।
यह भी पहली बार है कि C-295 विमान यूरोप के बाहर निर्मित किए जाएंगे।
C-295 विमान के बारे में
- यह 5 से 10 टन क्षमता वाला परिवहन विमान है। इसका इस्तेमाल त्वरित कार्रवाई तथा सैनिकों और कार्गो की पैरा-ड्रॉपिंग के लिए किया जा सकता है।
- यह भारतीय वायुसेना के पुराने Avro-748 विमानों की जगह लेगा। इन विमानों को 1960 के दशक की शुरुआत में वायुसेना में शामिल किया गया था। प्रधान मंत्री ने इस बात को रेखांकित किया है कि यह विमान निर्माण संयंत्र, विमानन क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
विमानन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए अन्य पहलें: राष्ट्रीय नागर विमानन नीति, 2016 की घोषणा की गई है।
इसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान/UDAN) योजना : मौजूदा अप्रयुक्त हवाई पट्टियों और हवाई अड्डों को फिर से चालू करके सेवा से वंचित (Unserved) तथा बहुत कम सेवा प्राप्त (Underserved) हवाई अड्डों को कनेक्टिविटी प्रदान करना।
- हाल ही में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने अपने आठ हवाई अड्डों को लंबी अवधि की लीज़ पर दिया है। ये हवाई अड्डे संचालन, प्रबंधन और विकास के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) के माध्यम से लीज़ पर दिए गए हैं।
- नागर विमानन मंत्रालय ने रखरखाव, मरम्मत और जीर्णोद्धार सेवाओं के लिए खुली निविदाओं के माध्यम से भूमि को पट्टे पर देने की घोषणा की है।
भारत में नागर विमानन क्षेत्र :
- भारत का विमानन क्षेत्र, विश्व का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार बन गया है।
- यह उम्मीद की जा रही है कि भारत अपने हवाई अड्डों की क्षमता के माध्यम से वर्ष 2023 तक वार्षिक 1अरब यात्राओं (ट्रिप्स) का संचालन करने में सक्षम हो सकेगा।
- भारतीय विमानन उद्योग में निजी एयरलाइनों का वर्चस्व है। इनमें कम लागत वाले एयर कैरियर शामिल हैं। इससे हवाई यात्रा वहनीय हो गई है।
स्रोत – द हिन्दू