हाल ही में ‘व्यावसायिक उत्तरदायित्व और संधारणीयता रिपोर्ट’ (BRSR) को जारी की गई। यह रिपोर्ट हरित कंपनियों की ओर मार्ग प्रशस्त करेगी।
- भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) (Federation of Indian Chambers of Commerce and Industry) ने भारत में जलवायु कार्यवाहियों के संचालन में ‘व्यावसायिक उत्तरदायित्व और संधारणीयता रिपोर्ट’ (BRSR) की भूमिका पर चर्चा करने के लिए ग्लासगो (COP26) में एक अतिरिक्त कार्यक्रम का आयोजन किया था।
- BRSR, वर्ष 2021 में सेबी द्वारा शुरू किया गया एक मानकीकृत रिपोर्टिंग (गैर-वित्तीय मापदंड) प्रारूप है।
- यह कंपनियों और विभिन्न क्षेत्रों में पर्यावरणीय, सामाजिक तथा अमिशासन (Environmental, Social and Governance : ESG) संबंधी लक्ष्यों के बीच तुलना करने के लिए एक आधार रेखा प्रदान करता है।
- ESG के गैर-वित्तीय विवरण को व्यापक पैमाने पर स्वेच्छा से जारी किया जाता है।
इसे तीन उद्देश्यों के लिए तैयार किया गया है:
- जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के प्रति अनुकूलित होना और उसे कम करना।
- समावेशी विकास।
- एक संधारणीय अर्थव्यवस्था प्राप्त करने की ओर प्रयास करना।
वर्तमान में, शीर्ष 1,000 सूचीबद्ध संस्थाओं (बाजार पूंजीकरण के अनुसार) को वित्तीय वर्ष 2021-2022 में लागू नए मानकों के तहत स्वेच्छा से आवश्यक सूचना को प्रकट करना होगा।
अन्य समान वैश्विक रिपोर्टिंग मानक:
ग्लोबल रिपोटिंग इनिशिएटिव (GRI), सस्टेनेविलिटी अकाउंटिंग स्टैंडर्ड्स बोर्ड (SASB), टास्क फोर्स ऑन क्लाइमेट-रिलेटेड फाइनेंशियल डिस्क्लोज़र (TCFD) आदि।
BRSR का महत्व
- यह अति आवश्यक एकरूपता प्रदान करेगी, क्योंकि यह अन्य वैश्विक स्थिरता रिपोर्टिंग ढांचे (GRI, SASB इत्यादि) से इनपुट प्राप्त करती है।
- जलवायु प्रतिबद्धताओं को मजबूत करना और विकार्वनीकरण में तेजी लाना तथा व्यवसायों के लिए हरित निवेश आकर्षित करना।
स्रोत – द हिन्दू