सीमा अवसंरचना और प्रबंधन (BIM) योजना
हाल ही में केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया है कि वह वर्ष 2021-22 से वर्ष 2025-26 तक सीमा अवसंरचना और प्रबंधन (BIM) की केंद्रीय क्षेत्र की समग्र योजना को जारी रखेगी।
सीमा अवसंरचना और प्रबंधन (BIM) योजना पाकिस्तान,बांग्लादेश, चीन, नेपाल, भूटान तथा म्यांमार के साथ भारत की सीमाओं को सुरक्षित करने से संबंधित है।
योजना के तहत सीमा पर बाड़बंदी, बॉर्डर फ्लड लाइट, तकनीकी समाधान, सीमा सड़कों और सीमा चौकियों (BoPs) एवं कंपनी ऑपरेटिंग बेस जैसे बुनियादी ढांचे के निर्माण में मदद की जाएगी।
योजना का महत्वः
- इस योजना से सीमा प्रबंधन, पुलिसिंग और चौकसी में सुधार के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मदद मिलेगी। भारत के लिए सीमा अवसंरचना का महत्व बख्तरबंद वाहनों सहित सैनिकों की शीघ्र तैनाती में मदद मिलेगी।
- तस्करी, अवैध घुसपैठ, जाली मुद्रा आदि जैसी गैर-कानूनी गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सकता है। सभी मौसमों में कारगर संपर्क स्थापित किया जा सकेगा।
- पड़ोसी देशों के साथ व्यापार संबंधों में सुधार होगा।
- क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने में मदद मिलेगी।
सीमा प्रबंधन के लिए की गई अन्य पहलें:
- जम्मू सीमा पर गतिविधियों की निगरानी के लिए संचार और निगरानी उपकरणों का एकीकरण किया गया है। इस प्रकार यह सीमा प्रबंधन में प्रौद्योगिकी को एकीकृत किए जाने का प्रयास है।
- ‘व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली’ सीमापार अपराधों का पता लगाने और उनसे निपटने में सीमा सुरक्षा बल की क्षमता में सुधार करती है।
- गृह मंत्रालय ने ‘सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम शुरू किया था। यह कार्यक्रम सीमा प्रबंधन के लिए व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा है।
- प्रोजेक्ट BOLD-OIT (बॉर्डर इलेक्ट्रॉनिकली डॉमिनेटेड क्यूआरटी इंटरसेप्शन टेक्निक) लाया गया है। इससे भारत-बांग्लादेश सीमाओं से जुड़े नदी क्षेत्रों को सुरक्षा-तकनीकों से लैस किया जा सकेगा।
स्रोत –द हिन्दू