बांग्लादेश–भूटान–इंडिया–नेपाल (BBIN) – मोटर वाहन समझौता
भारत, बांग्लादेश और नेपाल ने “बांग्लादेश-भूटान-इंडिया-नेपाल” (BBIN) – मोटर वाहन समझौता (MVA) यानी BBIN-MVA को अंतिम रूप दिया है ।
भारत, बांग्लादेश और नेपाल ने BBIN-MVA को अमल में लाने वाले एक समझौता ज्ञापन (MoU) को अंतिम रूप दिया है। ज्ञातव्य है कि BBIN-MVA का उद्देश्य क्षेत्रीय व्यापार और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना है।
वर्तमान में, भूटान ने इस समझौते से दूरी बना रखी है।
BBIN-MVA के बारे में:
- वर्ष 2014 में सार्क (यानी दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन) के काठमांडू शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान के विरोध के कारण एक क्षेत्रीय मोटर वाहन समझौता पर सहमति नहीं बन पाई थी। इसके बाद BBIN-MVA नामक कनेक्टिविटी परियोजना की परिकल्पना की गई थी।
- यह यात्री, कर्मियों और कार्गो-वाहन यातायात के विनियमन के लिए एक उप-क्षेत्रीय मोटर वाहन समझौता है।
- यह भूमि आधारित अंतर्देशीय सड़क परिवहन की सुविधा को और मजबूती प्रदान करेगा।
- वर्ष 2017 में भूटान, पर्यावरणीय चिंताओं के कारण अपनी संसद से मंजूरी लेने में विफल हो गया था। इसके बाद वह अस्थायी रूप से इस परियोजना से बाहर हो गया।
BBIN-MVA का महत्व
- यह परियोजना भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास में तेजी लाने में मदद करेगी।
- इसके चलते द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मूल्य श्रृंखलाओं का लाभ उठाया जा सकता है। फलतः निवेश संबंधों को भी बढ़ावा मिलेगा।
- इसके चलते दक्षिण एशिया के भीतर अंतर-क्षेत्रीय व्यापार में लगभग 60% और शेष विश्व के साथ व्यापार में 30% से अधिक की वृद्धि की संभावना है।
इसे अमल में लाने से जुड़ी चिंताएं:
- यातायात और प्रदूषण संबंधी चिंताओं के कारण भूटान इसमें शामिल नहीं हो पा रहा है।
- विशेष रूप से निर्धारित सीमा चौकियों पर अवसंरचना की कमी है।
- विनियमों और सीमा शुल्क प्रक्रियाओं के बीच सामंजस्य एक बड़ी चुनौती है।
- समझौते में शामिल सभी देशों के लिए एक व्यापक वाहन बीमा पॉलिसी की आवश्यकता होगी।
स्रोत –द हिन्दू