आवास योजना ग्रामीण (PMAY-G) के 5 वर्ष पूर्ण

आवास योजना ग्रामीण (PMAY-G) के 5 वर्ष पूर्ण

हाल ही में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (PMAY-G) के 5 वर्ष पूर्ण हो गए हैं।

विदित हो कि वर्ष 2022 तक सभी को आवास’ प्रदान करने के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए, PMAY-G को वर्ष 2016 में लॉन्च किया गया था।

इस योजना के तहत वर्ष 2022 तक सभी बुनियादी सुविधाओं के साथ 295 करोड़ PMAY-G मकानों का निर्माण कार्य पूर्ण करनेकी परिकल्पना की गई है।

नवंबर 2021 तक 200 करोड़ मकानों के निर्माण को मंजूरी दी गई है। 1.83 करोड़ मकानों का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है।

PMAY-G की विशेषताएं

ग्राम समा द्वारा समुचित सत्यापन के बाद सामाजिक आर्थिक जातिगत जनगणना (SECC) 2011 के तहत निर्धारितआवास वंचन मानकों और अपवर्जन मानदंडों के आधार पर लाभार्थियों की पहचान की जाती है।

यूनिट (प्रति मकान) सहायताः

यह मैदानी क्षेत्रों में 1.20 लाख रुपये और पहाड़ी राज्यों, पूर्वोत्तर राज्यों, दुर्गम क्षेत्रों एवं एकीकृत कार्य योजना (IAP) के अंतर्गत शामिल जिलों में 1.30 लाख रुपये निर्धारित की गई है।

अन्य योजनाओं के साथ अभिसरणः

स्वच्छ भारत अभियान (SBM-G) के साथ अमिसरण के माध्यम से शौचालयों के निर्माण के लिए सहायता प्राप्त की जाएगी।

विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों के तहत पाइप से पेयजल, विद्युत कनेक्शन, एल.पी.जी. गैस कनेक्शन आदि के लिए अभिसरण।

इच्छुक लाभार्थियों के लिए 70,000 रुपये तक की ऋण सुविधा का प्रावधान भी किया गया है।

प्रौद्योगिकी का उपयोगः

कार्यक्रम का कार्यान्वयन और निगरानी आवास सॉफ्ट और आवास ऐप नामक एंड-टू-एंड ई-गवर्नेस साधनों के माध्यम से किया जा रहा है।

आवास सॉफ्ट, योजना के कार्यान्वयन से संबंधित कई आंकड़ों की डेटा प्रविष्टि और निगरानी के लिए कार्यात्मकता प्रदान करता है।

कार्यक्रम के कार्यान्वयन में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए निम्नलिखित अतिरिक्त उपाय किए गए हैं-

  • आवाससॉफ्ट में भूमिहीन मॉन्धलः PMAY-G की स्थायी प्रतीक्षा सूची (Permanent Walt list: PWL) में भूमिहीन लाभार्थियों का मानचित्रण करने और उनके द्वारा भूमि या वित्तीयसहायता प्राप्त करने की वर्तमान स्थिति ज्ञात करना।
  • टिकटिंग प्रणालीः इसका उपयोग तकनीकी के साथ-साथ गैर-तकनीकी मुद्दों से संबंधित शिकायतों को दूर करने के लिए किया जाता है।
  • आधार (ADHAAR) आधारित भुगतान प्रणाली लाभार्थी को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) की अनुमति प्रदान की गई है।

स्रोत द हिन्दू

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