AT1 बांड क्या हैं?
हाल ही में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने 3 सितंबर, 2021को एक घोषणा में बताया कि उसने अतिरिक्त टियर 1 (AT1) बांड के माध्यम से 4,000 करोड़ रुपये एकत्रित किये हैं।
मुख्य बिंदु
- AT1 बांड 72 प्रतिशत की कूपन दर से जुटाए गए।
- भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा नए नियमों को अधिसूचित किए जाने के पश्चात यह घरेलू बाजार में इस तरह का पहला निर्गम है।
- भारतीय स्टेट बैंक के पास स्थानीय क्रेडिट एजेंसियों से AAA क्रेडिट रेटिंग है जबकि AT1 की प्रस्तुति को AA+ रेट किया गया है। ऐसे उपकरणों के लिए यह भारत में सर्वोच्च रेटिंग है।
- भारतीय स्टेट बैंक वर्ष 2016 में अपतटीय AT1 बांड के माध्यम से पूंजी जुटाने वाला पहला ऋणदाता बना था।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) नियम
सेबी ने वर्ष 2021के मार्च में स्थायी बांड के लिए 100 वर्ष के मूल्यांकन नियम में संशोधन किया। नए नियमों के तहत , बेसल III AT-1 बांड की अवशिष्ट परिपक्वता अवधि 31 मार्च, 2022 तक दस वर्ष होगी। नए नियमानुसार , अप्रैल 2023 से AT-1 बांड की शेष परिपक्वता इन बांडों के जारी होने की तिथि से 100 साल हो जाएगी।
AT-1 बांड
AT1 बॉन्ड को ‘perpetual bonds’ भी कहा जाता है। उनके पास कोई परिपक्वता तिथि नहीं है, लेकिन उनके पास कॉल विकल्प है। इन बांडों के जारीकर्ता बांड को कॉल या रिडीम कर सकते हैं यदि उन्हें सस्ती दर पर पैसा मिल रहा है, खासकर जब ब्याज दरें घट रही हैं।
स्रोत – द हिन्दू