एशियन पाम ऑयल एलायंस (APOA)
हाल ही में दक्षिण एशिया के पांच देशों ने ‘एशियन पाम ऑयल एलायंस (APOA)’ का गठन किया है ।
एशियन पाम ऑयल एलायंस (APOA) का गठन दक्षिण एशिया में पाम ऑयल के पांच बड़े आयातक देशों के शीर्ष खाद्य तेल उद्योग संघों ने किया है। ये पांच देश हैं: भारत, पाकिस्तान,श्रीलंका, बांग्लादेश और नेपाल ।
भारत का सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (SEA) इसके सचिवालय का प्रबंधन करेगा।
पाम ऑयल की 40% वैश्विक मांग एशिया में ही है। भारत इसका सबसे बड़ा आयातक है और मांग में इसकी हिस्सेदारी लगभग 15% (13-14 मिलियन टन) है ।
APOA के गठन के पीछे मुख्य उद्देश्य सामूहिक सौदेबाजी की क्षमता को मजबूत करना और आयात को सतत बनाए रखना है।
APOA के कार्य –
- पाम ऑयल की नकारात्मक छवि को बदलने में सहायता करेगा। यह सुनिश्चित करेगा कि इसे उच्च गुणवत्ता वाले, किफायती और स्वस्थ वनस्पति तेल के रूप में मान्यता दिलाई जाए।
- पाम ऑयल के उपभोग वाले देशों के आर्थिक और व्यावसायिक हितों की रक्षा करेगा। साथ ही, सदस्य देशों में इसकी खपत बढ़ाएगा।
पाम ऑयल के बारे में
- यह खाद्य वनस्पति तेल है। इसे एलेस गिनेंसिस/Elaeis Guineensis (अफ्रीकी पाम ऑयल)या एलेस ओलीफेरा/Elaeis Oleifera (दक्षिण और मध्य अमेरिका मूल का) के ताड़ (palm)के फल से प्राप्त किया जाता है।
- यह विटामिन A और E से समृद्ध है। इसमें ट्रांस फैटी एसिड नहीं पाया जाता। आमतौर पर इसका इस्तेमाल खाद्य उत्पादों और औद्योगिक उपयोगों में किया जाता है।
पाम ऑयल की दिशा में भारत की पहले
- राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन – ऑयल पाम (NMEO-OP): खाद्य तेल में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत पाम ऑयल क्षेत्र का विस्तार किया जा रहा है।
- तिलहन फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया गया है।
स्रोत – द हिन्दू