सशस्त्र बल (विशेष शक्तिया) अधिनियम (AFSPA)
हाल ही में सशस्त्र बल (विशेष शक्तिया) अधिनियम (AFSPA) को चार राज्यों में छह महीनों के लिए बढ़ाया गया है ।
नागा शांति प्रक्रिया के परिणाम पर अनिश्चितता की वजह से असम, मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में अफस्पा को जारी रखा गया है।
- इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) और राज्य सरकारों ने असम, मणिपुर और नागालैंड में “अशांत क्षेत्रों की संख्या को कम कर दिया था।
- उपर्युक्त राज्यों के अलावा अफस्पा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भी लागू है।
- अफस्पा के तहत सशस्त्र बलों को अशांत क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए विशेष शक्तियां प्रदान की जाती हैं।
- अफस्पा अधिनियम, 1958 की धारा 3 के तहत किसी क्षेत्र को ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया जाता है। जब किसी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के क्षेत्र या पूरे राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है कि नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए सशस्त्र बलों का उपयोग आवश्यक हो जाता है, तब उस राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के क्षेत्र या पूरे राज्य/केंद्र शासित प्रदेश को ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया जाता है।
- किसी क्षेत्र को अशांत क्षेत्र राज्य के राज्यपाल/केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासक या केंद्र सरकार द्वारा घोषित किया जाता है।
- अफस्पा अधिनियम की धारा 4 के तहत सशस्त्र बलों को “अशांत क्षेत्रों में व्यवस्था बहाल करने के लिए असाधारण शक्तियां प्रदान की जाती हैं। साथ ही, धारा-6 सशस्त्र बलों को इस संबंध में कार्रवाइयों से उन्मुक्ति का उपबंध करती है।
- त्रिपुरा ने वर्ष 2015 में अधिनियम को निरस्त कर दिया था। वहीं, गृह मंत्रालय ने वर्ष 2018 में मेघालय से अफस्पा वापस ले लिया था, जहां यह 27 वर्षों से लागू था।
स्रोत – द हिन्दू