राष्ट्रीय भूमि मुद्रीकरण निगम (NLMC) के गठन की मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अधिशेष भूमि के मुद्रीकरण के लिए एक स्पेशल पर्पज व्हीकल (SPV) के रूप में राष्ट्रीय भूमि मुद्रीकरण निगम (NLMC) के गठन की मंजूरी दी है।
- राष्ट्रीय भूमि मुद्रीकरण निगम (National Land Monetization Corporation: NLMC) को भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाली एक कंपनी के रूप में स्थापित किया जाएगा।
- इसकी प्रारंभिक अधिकृत शेयर पूंजी 5,000 करोड़ रुपये और पेड-अप शेयर पूंजी 150 करोड़ रुपये होगी।
- इससे पहले इसे बजट 2021-22 में प्रस्तावित किया गया था। भूमि मुद्रीकरण, परिसंपत्ति मुद्रीकरण कार्यक्रम का ही एक हिस्सा है।
NLMC की भूमिकाः
- रणनीतिक विनिवेश या बंद होने की प्रक्रिया से गुजर रहे केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (CPSEs) की अधिशेष भूमि और गैर-प्रमुख परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण करना और इस संबंध में सहायता प्रदान करना।
- सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को उनकी अधिशेष गैर-प्रमुख परिसंपत्तियों की पहचान करने में सलाह और सहायता देना। साथ ही, उनका पेशेवर और कुशल तरीके से मुद्रीकरण करना।
- भूमि मुद्रीकरण से संबंधित सर्वोत्तम पद्धतियों के भंडार (repository) के रूप में काम करना। साथ ही, परिसंपत्ति मुद्रीकरण कार्यक्रम के कार्यान्वयन में सरकार को सहायता और तकनीकी सलाह प्रदान करना।
- यह भूमि परिसंपत्ति के पेशेवर प्रबंधन और मुद्रीकरण के लिए आवश्यक तकनीकी विशेषज्ञता भी उपलब्ध कराएगा।
परिसंपत्ति मुद्रीकरण क्या है?
- इसका आशय सरकारी परिसंपत्तियों (एसेट्स) के मुद्रीकरण से है। इसके तहत सरकार उपयोग रहित या अधिशेष सरकारी परिसंपत्तियों को एक निश्चित समय के लिए निजी क्षेत्र को सौंप देती है। बदले में निजी क्षेत्र के पक्षकार उन परिसंपत्तियों में निवेश करते हैं, उनसे लाभ कमाते हैं तथा सरकार को अग्रिम धन या राजस्व संबंधी अधिकार देते हैं।
- इससे पहले, सरकार ने चार वर्षों के लिए एक राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (NMP) का शुभारंभ किया था। इससे लगभग 6 लाख करोड़ रुपये प्राप्त होने की संभावना है।
स्रोत –द हिन्दू