इथेनॉल परियोजनाओं के लिए आवेदन आमंत्रित
हाल ही में केंद्र सरकार ने इथेनॉल परियोजनाओं के लिए अक्टूबर माह तक नए आवेदन आमंत्रित किए हैं।
उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने छह महीने के लिए एक विंडो खोलने का निर्णय लिया है।
- इसके माध्यम से नई डिस्टिलरीज (आसवनी) की स्थापना करने, या मौजूदा डिस्टिलरीज के विस्तार के लिए परियोजना समर्थकों से नए सिरे से आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे।
- इस कदम से इथेनॉल उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी। इससे वर्ष 2025 तक पेट्रोल में 20% इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
- इससे चीनी मिलों को नई डिस्टिलरीज स्थापित करने या अपनी मौजूदा डिस्टिलरीज का विस्तार करने में सुविधा प्राप्त होगी। इस तरह अतिरिक्त गन्ना/चीनी को इथेनॉल में बदलने में मदद मिलेगी।
- इस कदम से इथेनॉल की कमी वाले राज्यों में अनाज आधारित नयी डिस्टिलरीज स्थापित हो पाएंगी। ऐसे राज्यों में पूर्वोत्तर राज्य, दक्षिणी राज्य (तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश व तेलंगाना), बिहार, मध्य प्रदेश इत्यादि शामिल हैं।
- इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल कार्यक्रम (Ethanol Blending Petrol: EBP) के तहत, तेल विपणन कंपनियां (OMCs) पेट्रोल में इथेनॉल का मिश्रण कर रही हैं। इस कार्यक्रम के तहत OMC वर्ष 2022 तक पेट्रोल में 10% तक इथेनॉल (10) का मिश्रण करेंगी।
- केंद्र सरकार ने पहले वर्ष 2030 तक पेट्रोल में 20% इथेनॉल मिश्रण (E20) का लक्ष्य रखा था। वर्ष 2021 में केंद्र सरकार ने इसमें संशोधन करते हुए पांच वर्ष पहले यानी वर्ष 2025 तक ही E20 का लक्ष्य प्राप्त करने की घोषणा की थी।
- इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए चीनी मिलों और डिस्टिलरीज़ को ब्याज में छूट के माध्यम से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। वित्तीय सहायता 6% ब्याज छूट के साथ या बैंक ब्याज दर का 50% पर (जो भी कम हो) दी जाएगी।
इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल के लाभ:
- आयात पर निर्भरता कम होगी।
- कार्बन डाइऑक्साइड प्रदूषण कम होगा।
- ऊर्जा सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की प्राप्ति के उपायों में सुधार होगा।
- कृषि क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा।
- रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
स्रोत –द हिन्दू