आंध्र प्रदेश विधानसभा ने राज्य के लिए तीन राजधानियों की स्थापना
हाल ही में आंध्र प्रदेश (AP) विधानसभा ने राज्य के लिए तीन राजधानियों की स्थापना के उद्देश्य पर आधारित अधिनियम को निरसित करने के लिए विधेयक पारित किया गया है ।
- आंध्र प्रदेश विकेंद्रीकरण और सभी क्षेत्रों का समावेशी विकास निरसन विधेयक, 2021 वर्ष 2020 के उस अधिनियम को निरसित करता है, जिसने राज्य के लिए ‘तीन राजधानियों की योजना का मार्ग प्रशस्त किया था।
- अब, राज्य एक बार फिर सभी हितधारकों के साथ परामर्श करेगा। साथ ही, विकेंद्रीकरण के पक्ष में राज्य के सभी क्षेत्रों की संबंधित चिंताओं के समाधान हेतु भविष्य में उपयुक्त कानून प्रस्तुत करेगा।
- अमरावती क्षेत्र के किसान पिछले 700 दिनों से अधिक समय से तीन राजधानियों के निर्णय का विरोध कर रहे थे।
- उन्हें आशंका थी कि सरकार उनके भूखंडों के मूल्य को कम करके उन सभी बुनियादी ढांचों का निर्माण नहीं करेगी, जिनका उसने वादा किया था।
तीन राजधानियों के पक्ष में तर्क
- वितरित विकास।
- कुर्नूल और विशाखापत्तनम के मौजूदा बुनियादी ढांचे के उपयोग के कारण वित्तीय रूप से कुशल।
- बड़ी कृषि भूमि के अधिग्रहण की कोई आवश्यकता नहीं है, जिससे खाद्य सुरक्षा प्रभावित हो सकती है।
- अच्छी अर्थव्यवस्था वाले मध्यम आकार के शहरों का नियोजित शहरीकरण।
तीन राजधानियों के विपक्ष में तर्क
- सरकार के विभिन्न अंगों के बीच समन्वय में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
- विकास केंद्रों को जोड़ने वाले एक सुविकसित बुनियादी ढांचे का अभाव हो सकता है।
- विशाखापत्तनम क्षेत्र चक्रवातों के प्रति सुमेध है।
स्रोत –द हिन्दू