आजादी का अमृत महोत्सव’
- हाल ही में भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे हुए, इस उपलक्ष्य पर सरकार द्वारा‘आजादी का अमृत महोत्सव’, नामक एक पदयात्रा पहल की शुरुआत की गयी ।
- यह यात्रा, अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से शुरू होकर नवसारी जिले के दांडी नामक स्थान तक की जाएगी, इसमें कुल 386 किलोमीटर की यात्रा की जाएगी ,इस दूरी को लगभग 25 दिनों में तय किया जाएगा।
- 12 मार्च 1930 को गांधी जी के नेतृत्व में की गई ऐतिहासिक दांडी यात्रा (साल्ट मार्च) की स्मृति को पुनर्जीवित करने वाली इस पदयात्रा को प्रधानमंत्री द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
- ज्ञातव्य हो कि अंग्रेजों के खिलाफ ऐतिहासिक दांडी मार्च की 91 वीं वर्षगांठ के अवसर पर यह यात्रा शरू जा रही है।
आजादी की ‘75वीं वर्षगांठ समारोह’
- आजादी के‘75वीं वर्षगांठ समारोह’ कार्यक्रम, अगस्त, 2023 तक पांच विषय-वस्तुओं (Themes) के तहत जारी रहेगा। ये पांच विषय-वस्तु निम्नलिखित हैं:
- स्वतंत्रता संग्राम
- 75 साल होने पर विचार
- 75 साल होने पर उपलब्धियां
- 75 साल होने पर कार्रवाई
- 75 साल होने सकल्प
‘नमक सत्याग्रह’ के बारे में:
- 1930 में महात्मा गाँधी के नेतृत्व में सविनय अवज्ञा आन्दोलन की शुरुआत की गयी । इस आंदोलन का प्रारंभ गाँधी जी के प्रसिद्ध दांडी मार्च से हुआ|12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से गाँधी जी और आश्रम के 78 अन्य सदस्यों ने दांडी के लिए पैदल यात्रा आरम्भ की| 6 अप्रैल ,1930 को (लगभग 24 दिन बाद )दांडी पहुँचकर उन्होंने नमक कानून तोड़ा| नमक कानून के उलंघन के कारण इसे नमक सत्याग्रह भी कहा गया ।
- इस आन्दोलन नें संपूर्ण देश में अंग्रेजो के खिलाफ व्यापक जनसंघर्ष को जन्म दिया देश के लगभग सभी प्रमुख भागो मे नमक कानून तोड़ा गया ।
- 31 जनवरी, 1930 को महात्मा गांधी ने वायसराय इरविन को एक पत्र लिखा जिसमें 11 मांगों का उल्लेख किया गया था। इस मांगों में सबसे महत्त्वपूर्ण मांग नमक पर लगने वाले कर को समाप्त करने की थी।
- भारत में अंग्रेजों के शासनकाल के समय नमक उत्पादन और विक्रय के ऊपर बड़ी मात्रा में कर लगा दिया गया था । नमक बनाना गैर कानूनी था ।
- गांधीजी से भारत के वायसराय लॉर्ड इरविन ने मुलाकात की। इस वार्ता में लंदन में भारत के भविष्य पर होने वालेगोलमेज़ सम्मेलन में शामिल होने तथा नमक सत्याग्रह को समाप्त करने पर सहमति दी गई।
स्रोत: द हिंदू