रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) के लिए वन हेल्थ प्रायोरिटी रिसर्च एजेंडा जारी

रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) के लिए वन हेल्थ प्रायोरिटी रिसर्च एजेंडा जारी

हाल ही में रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) के लिए वन हेल्थ प्रायोरिटी रिसर्च एजेंडा जारी किया गया है।

इस एजेंडा को खाद्य व कृषि संगठन (FAO), संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP), विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (WOAH) ने संयुक्त रूप से जारी किया है। यह एजेंडा रोगाणुरोधी प्रतिरोध (AMR) में अनुसंधान और निवेश बढ़ाने का समर्थन करता है ।

AMR तब होता है जब बैक्टीरिया, वायरस, कवक और परजीवी समय के साथ स्वयं में उत्परिवर्तन कर लेते हैं और दवाओं पर कोई प्रतिक्रिया नहीं करते हैं।

इससे संक्रमण का इलाज करना कठिन हो जाता है तथा बीमारी फैलने, गंभीर बीमारी होने और मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है। इससे पहले, WHO ने भी इसी वर्ष मानव स्वास्थ्य में AMR के लिए एक वैश्विक अनुसंधान एजेंडा लॉन्च किया था।

एजेंडा ने AMR के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए पांच स्तंभों पर आधारित वन हेल्थ दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है, जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:

  • संचरण: यह पर्यावरण, पादप, पशु और मानव क्षेत्रकों पर केंद्रित है, जहां AMR का संचरण, परिसंचरण व प्रसार होता है।
  • एकीकृत निगरानी: वन हेल्थ हितधारकों के बीच सामान्य तकनीकी समझ और सूचना के आदान-प्रदान में सुधार के लिए परस्पर संबद्ध प्राथमिकता वाले अनुसंधान प्रश्नों की पहचान करना ।
  • हस्तक्षेप: AMR की घटनाओं, व्यापकता और प्रसार को रोकने, नियंत्रित करने या कम करने के उद्देश्य से हस्तक्षेप करना ।
  • व्यवहार संबंधी अंतर्दृष्टि और परिवर्तन: वन हेल्थ इंटरफेस पर AMR के विकास और प्रसार में शामिल अलग-अलग समूहों और अभिकर्ताओं के बीच व्यवहार संबंधी अंतर्दृष्टि और परिवर्तन ।
  • अर्थशास्त्र और नीति: इसमें AMR निवेश मामले की लागत-प्रभावशीलता, वित्तीय संधारणीयता और दीर्घकालिक वित्तीय प्रभाव को ध्यान में रखा जाता है ।

वन हेल्थ एक एकीकृत और समन्वित दृष्टिकोण है। इसका उद्देश्य मनुष्यों, जानवरों, पादपों और पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य को सतत रूप से संतुलित एवं अनुकूलित करना है । इसमें निम्नलिखित सिद्धांत शामिल हैं – क्षेत्रकों और विषयों के बीच समानता, सामाजिक-राजनीतिक और बहुसांस्कृतिक समानता, सामाजिक-पारिस्थितिकी संतुलन (मानव-पशु-पर्यावरण के बीच सामंजस्यपूर्ण संतुलन), ट्रांसडिसिप्लिनैरिटी और बहुक्षेत्रीय सहयोग आदि।

स्रोत – डाउन टू अर्थ

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