कच्चे पाम ऑयल (CPO) पर कृषि उपकर 7.5% से घटकर 5%
हाल ही में केंद्र सरकार ने कच्चे पाम ऑयल (CPO) पर कृषि उपकर 7.5% से घटाकर 5% कर दिया है।
- यह निर्णय वैश्विक स्तर पर खाद्य तेलों की कीमतों में वृद्धि के कारण लिया गया है। इससे घरेलू खाद्य तेलों की कीमतों में और बढ़ोतरी को रोका जा सकेगा।
- कृषि उपकर में की गई कमी से घरेलू खाद्य तेल उद्योग को प्रोत्साहन मिलेगा। इससे घरेल तेलशोषन (रिफाइनिंग) उद्योग को तेलशोधन के लिए कच्चे तेल का आयात करने में लाभ होगा।
- कृषि अवसंरचना और विकास उपकर (Agriculture Infrastructure and Development Cess: AIDC) को कृषि उपकर के रूप में भी जाना जाता है। यह एक ऐसा कर है, जिसे सरकार कृषि उपज के वाणिज्यिक उत्पादन पर लगाती है।
भारत में खाद्य तेलः
- कच्चे तेल और स्वर्ण के बाद खाद्य तेल भारत का तीसरा सर्वाधिक मूल्य वाला आयात है।
- भारत वनस्पति तेलों का सबसे बड़ा आयातक है। भारत अपनी घरेलू मांग का दो-तिहाई हिस्सा आयात के माध्यम से पूरा करता है। इसकी वार्षिक लागत 10 अरब डॉलर तक है।
घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए किए गए अन्य उपाय
- राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशनदृपाम ऑयल NMEO-OP) का क्रियान्वयन किया गया है।
- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत पाम ऑयल क्षेत्र का विस्तार किया जा रहा है।
- तिलहन फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की गई है।
- तिलहन के लिए बफर स्टॉक का निर्माण किया गया है।
- तिलहन फसलों का क्लस्टर आधारित प्रदर्शन आयोजित किया जा रहा है।
स्रोत –द हिन्दू