संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में “यूक्रेन के विरुद्ध आक्रामकता नामक शीर्षक रेजोल्यूशन
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने “यूक्रेन के विरुद्ध आक्रामकता” (Aggression Against Ukraine) नामक शीर्षक से एक रेजोल्यूशन अपनाया है ।
इस रेजोल्यूशन (या संकल्प) में रूस से मांग की गयी है कि वह ‘तुरंत, पूरी तरह से और बिना शर्त यूक्रेन के क्षेत्र से अपने सभी सैन्य बलों को वापस हटा ले।
कुल 141 देशों ने इस रेजोल्यूशन के पक्ष में मतदान किया, जबकि भारत सहित 35 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया।
जिन 5 देशों ने इस रेजोल्यूशन के खिलाफ मतदान किया, वे हैं- बेलारूस, नॉर्थ कोरिया, इरिट्रिया, रूस और सीरिया।
इस रेजोल्यूशन पर मतदान के दौरान अनुपस्थित रहते हुए, भारत ने यूक्रेन में फंसे सभी भारतीय नागरिकों के लिए, बिना किसी परेशानी के सुरक्षित निकासी की मांग की।
इससे पहले, यूक्रेन पर रूसी हमले की निंदा करने वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) द्वारा पेश किए गए रेजोल्यूशन के दौरानभी भारत ने मतदान में भाग नहीं लिया था। हालांकि, भारत ने देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने की आवश्यकता पर बल दिया था।
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा पेश किए जाने वाले रेजोल्यूशन या संकल्पों के बारे में–
- संयुक्त राष्ट्र महासभा में उपस्थित और मतदान करने वाले अधिकांश सदस्य देशों के बहुमत द्वारा ही रेजोल्यूशन और निर्णयों को अपनाया जाता है।
- अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा तथा संयुक्त राष्ट्र के कुछ प्रमुख अंगों के सदस्यों के चुनाव आदि पर सिफारिशों सहित महत्वपूर्ण प्रश्नों पर दो-तिहाई बहुमत से निर्णय लिया जाना जरूरी होता है।
- हालांकि, महासभा द्वारा रेजोल्यूशन के माध्यम से लिए गए निर्णय सरकारों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं होते हैं, लेकिन ये विश्व के देशों के विचार और वैश्विक समुदाय की नैतिकता को दर्शाते हैं।
- जब महासभा में किसी रेजोल्यूशन पर मतदान होता है, तो सुरक्षा परिषद के 5 स्थायी सदस्यों में से कोई भी अपने वीटो का इस्तेमाल नहीं कर सकता है।
स्रोत –द हिन्दू